स्वामी प्रसाद मौर्य ने 'राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी' का किया गठन, तालकटोरा स्टेडियम में समर्थकों की उमड़ी भीड़
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स्वामी प्रसाद मौर्य ने 'राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी' का किया गठन, तालकटोरा स्टेडियम में समर्थकों की उमड़ी भीड़

Swami Prasad Mourya:  स्वामी प्रसाद मौर्यमौर्य ने 20 फरवरी को समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और MLC पद से इस्तीफा दे दिया था.SP से मौर्य का अलग होना आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पूर्व सीएम अखिलेश यादव के लिए बड़ी सियासी नुकसान के तौर पर देखा जा रहा है. 

स्वामी प्रसाद मौर्य ने 'राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी' का किया गठन, तालकटोरा स्टेडियम में समर्थकों की उमड़ी भीड़

Swami Prasad Mourya: समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देने के तीन दिन बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी नई पार्टी का ऐलान कर दिया है. मौर्य ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में अपनी पार्टी 'राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी' के गठन की घोषणा की. इस खास मौके पर स्वामी प्रसाद मौर्य के सपोर्टर बड़ी तादाद में तालकटोरा स्टेडियम पहुंचे थे. इस दौरान मौर्य ने कहा कि बीजेपी को हरान के लिए हर तरह की कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं. 

स्वामी ने कहा, "हम 'इंडिया' गठबंधन को मजबूत कर बीजेपी को जड़ से उखाड़ने की कोशिश करेंगे. बीजेपी को हराने करने के लिए हम हर कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं." बता दें कि मौर्य ने बीते 20 फरवरी को समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और एमएलसी पद से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफा देने के बाद मौर्य ने कहा था कि पार्टी दलितों के साथ भेदभाव कर रही है, इसलिए उन्होंने अपना अलग रास्ता चुन लिया.

समाजवादी पार्टी से मौर्य का अलग होना आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पूर्व सीएम अखिलेश यादव के लिए बड़ी सियासी नुकसान के तौर पर देखा जा रहा है. वहीं, बीते दिनों पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने स्वामी के इस्तीफे के बारे में कहा था, "कुछ लोग सिर्फ अपने फायदे के लिए हमारी पार्टी में शामिल होते हैं और जब उनका काम निकल जाता है, तो वो चले जाते हैं."

राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी का गठन साल 2013 में साहेब सिंह धनगर ने यूपी के अलीगढ़ में किया था. लेकिन यह पार्टी सियासी ग्राउंड पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई थी. अब स्वामी ने इस पार्टी की कमान संभाल ली है. ऐसा माना जा रहा है कि वह पार्टी में जान फूंकेंगे. साथ ही लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव को स्वामी के हाथों चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है.

उल्लेखनीय है कि स्वामी के सपा से इस्तीफे के बाद डिंपल यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य जब पार्टी में शामिल हुए थे, तब से पार्टी ने उन्हें समर्थन किया. असेंबली इलेक्शन में पार्टी ने उन्हें टिकट भी दिया, लेकिन वह चुनाव नहीं जीत सके. इसके बावजूद भी पार्टी ने उन्हें एमएलसी बनाया.

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