बच्चों को चिकन-मटन नहीं खिलाने पर SC ने मांगा जवाब, पूछा- बच्चों को क्यों कर रहे वंचित?
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1689083

बच्चों को चिकन-मटन नहीं खिलाने पर SC ने मांगा जवाब, पूछा- बच्चों को क्यों कर रहे वंचित?

केंद्र शासित प्रदेश लक्ष्यद्वीप के स्कूलों में पहले बच्चों को मिड-डे मील में चिकन और मटन दिया जाता था, लेकिन अब उन्हें ये नहीं दिया जाता है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि बच्चों को इससे वंचित क्यों किया जा रहा है?

बच्चों को चिकन-मटन नहीं खिलाने पर SC ने मांगा जवाब, पूछा- बच्चों को क्यों कर रहे वंचित?

Supreme Court on Midday Meal: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को लक्ष्यद्वीप प्रसाशन से उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश में मिड-डे मील (Midday Meal) में चिकन और मटन को हटाने को चुनौती दी गई है. इससे पहले यहां स्कूलों में मिड-डे मील (Midday Meal) योजना के तहत बच्चों को चिकन और मटन दिया जाता था. लेकिन अब प्रशासन ने इसके मेन्यू में बदलाव कर दिया है.

2021 के फैसले को दी गई चुनौती

जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने एक स्पेशल लीव पिटीशन पर सुनवाई कर रही थी, इसमें केरल हाई कोर्ट के सितंबर 2021 के फैसले को चुनौती दी गई थी. केरल हाई कोर्ट ने लक्ष्यद्वीप प्रशासन के मिड-डे-मील (Midday Meal) से चिकन और मीट हटाने के फैसले को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया था. 

यह भी पढ़ें: हिरासत में मौत मामला: अदालत ने सबूल पेश करने की संजीव भट्ट की अर्जी ठुकराई

क्यों नहीं दिया जा रहा मीट?

खंडपीठ ने कहा कि "आप बच्चों को इससे क्यों वंचित कर रहे हैं?" खंडपीठ अभी चिकन और मटन पर सवाल कर ही रही थी कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने त्वरित उत्तर दिया कि बच्चों को उससे बेहतर चीजें दी गई हैं.

15 दिनों में मांगा जवाब

इस पर खंडपीठ ने कहा कि "क्या बेहतर है? क्या चिकन और मटन की जगह उन्हें ड्राई फ्रूट्स दिए जा रहे हैं?" इसके बाद सॉलीसिटर ने बेंच के सामने नया मिड-डे मिल (Midday Meal) मेन्यू पेश किया. इस पर पीठ ने पूछा कि "चिकन कहां है? मान लीजिए कि यह हमारे आहार सांस्कृतिक आदत का हिस्सा हैं, तो इसे कैसे उससे अलग किया जा सकता है?" अब लक्ष्यद्वीप प्रशासन को सुप्रीम कोर्ट में जवाब देना है.

क्या है मिड-डे मील?

ख्याल रहे कि मिड-डे मील योजना भारत सरकार की तरफ से चलाई गई एक योजना है. इसके तहत भारत के सभी राज्यों के प्राथमिक और लघु माध्यमिक विद्यालयों में दिन में बच्चों को मुफ्त खाना खिलाया जाता है. इसका मकसद स्कूल में बच्चों की हाजिरी और नामांकन बढ़ना है. ये योजना 15 अगस्त 1995 को शूरू की गई थी. 

Zee Salaam Live TV:

Trending news