मैनपुरी में बहू डिंपल के लिए शिवपाल बिगाड़ रहे थे भाजपा का खेल; योगी ने उठाया ये कदम
UP govt downgrades Shivpal Yadav's security cover: उत्तर प्रदेश सरकार ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा उम्मीदवार और बहु डिंपल यादव के पक्ष में चुनाव प्रचार करने वाले शिवपाल यादव से उनकी ’जेड श्रेणी’ की सुरक्षा हटाकर उन्हें ‘वाई श्रेणी’ की सुरक्षा मुहैया करा दी है.
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Shivpal Yadav's security cover: उत्तर प्रदेश में मैनपुरी संसदीय क्षेत्र, रामपुर और खतौली विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनावों के बीच राज्य सरकार ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया के सद्र शिवपाल सिंह यादव की ‘जेड श्रेणी’ की सुरक्षा घटा दी है. हलांकि सरकार ने उन्हें बदले में ‘वाई श्रेणी’ की सुरक्षा मुहैया करा दी है. एक आला अफसर ने सोमवार को इस बात की तस्दीक की है. पुलिस अधीक्षक (प्रशिक्षण और सुरक्षा) वैभव कृष्ण का सोमवार को एक ऑफिशियल लेटर सामने आया है, जिसमें उन्होंने पुलिस आयुक्त, लखनऊ और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) इटावा को लेटर लिखकर प्रसपा प्रमुख औरजसवंत नगर के विधायक शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा ‘जेड’ श्रेणी की जगह पर ‘वाई श्रेणी’ किए जाने की जानकारी दी है. वहीं, शिवाल की सुरक्षा में कमी किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर लोग भाजपा नीत योगी सरकार को निशाना बनाते हुए आरोप लगा रहे हैं कि डिंपल के पक्ष में प्रचार करने के कारण सरकार ने शिवपाल की सुरक्षा कम कर दी है. ये कारवाई शिवपाल को डराने के लिए हुई है. लोग यहां तक कह रहे हैं कि चुनाव तक शिवपाल के यहां छपा भी मारा जा सकता है.
शिवपाल को 2018 में ‘जेड श्रेणी’ की सुरक्षा दी गई थी
पुलिस के मुताबिक ‘वाई श्रेणी’ की सुरक्षा में कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं जिनमें दो पीएसओ (निजी सुरक्षा गार्ड) भी होते हैं, वहीं ‘जेड श्रेणी’ की सुरक्षा में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के चार से पांच कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं. शिवपाल को साल 2018 में ‘जेड श्रेणी’ की सुरक्षा दी गई थी. इतवार को जारी सरकारी आदेश में कहा गया है कि 25 नवंबर को आयोजित राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया है.
सपा के स्टार प्रचारक हैं शिवपाल यादव
गौरतलब है कि हाल ही में समाजवादी पार्टी ने शिवपाल यादव को मैनपुरी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में अपना स्टार प्रचारक बनाया था. मैनपुरी में पांच दिसंबर को होने वाले चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के रघुराज सिंह शाक्य से होने वाला है. पिछले महीने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी. राज्य सरकार का शिवपाल की सुरक्षा में कटौती का यह फैसला शिवपाल और अखिलेश के बीच बढ़ रही नजदीकी के बाद सामने आया है.
शिवपाल के प्रचार से बेकार हो रही थी भाजपा की रणनीति
शिवपाल और अखिलेश के बीच 2016 में आपसी विवाद के बाद लंबे अरसे से उन दोनों के आपस में अच्छे संबंध नहीं थे, लेकिन डिंपल के आग्रह पर शिवपाल अपनी बहू के लिए प्रचार कर रहे हैं. शिवपाल ने इस चुनाव में अपनी पार्टी का कोई उम्मीदवार भी खड़ा नहीं किया है. जानकारों का कहना है कि एक रणनीति के तहत भाजपा ने डिंपल यादव के खिलाफ शिवपाल यादव के करीबी माने जाने वाले रघुराज सिंह शाक्य को परिवार में चल रहे मनमुटाव का फायदा उठाने की उम्मीद से मैदान में उतारा था, लेकिन यादव परिवार की एकजुटता की वजह से यह समीकरण बिगड़ता नजर आ रहा है. इस चुनाव में सपा की डिंपल के लिए शिवपाल का समर्थन इसलिए जरूरी माना जा रहा है, क्योंकि उनका जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र मैनपुरी लोकसभा सीट के तहत ही आता है और वे वहां के छह बार के विधायक रह चुके हैं. वहीं, शिवाल की सुरक्षा में कमी किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर लोग भाजपा नीत योगी सरकार को निशाना बनाते हुए आरोप लगा रहे हैं कि डिंपल के पक्ष में प्रचार करने के कारण सरकार ने शिवपाल की सुरक्षा कम कर दी है. ये कारवाई शिवपाल को डराने के लिए हुई है. लोग यहां तक कह रहे हैं कि चुनाव तक शिवपाल के यहां छपा भी मारा जा सकता है.
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