चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को दिया दो तलवारें और ढाल का चुनाव चिन्ह
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चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को दिया दो तलवारें और ढाल का चुनाव चिन्ह

Shinde faction gets two swords and a shield as poll symbol: इससे पहले सोमवार को उद्धव ठाकरे गुट को चुनाव आयोग ने चुनाव चिन्ह के तौर पर ’मशाल’ का निशान दिया था. आयोग ने धार्मिक बोध का हवाला देते हुए उद्धव ठाकरे गुट ‘त्रिशूल’ पर उसका दावा खारिज कर दिया था.

अलामती तस्वीर

नई दिल्लीः मुंबई के अंधेरी विधानसभा में होने वाले उपचुनाव को लेकर एकनाथ शिंदे गुट को चुनाव आयोग ने ’दो तलवारें-एक ढाल’ चुनाव चिन्ह आवंटित कर दी हैं. मंगलवार को ही शिंदे गुट ने अपने पसंद के 3 नाम चुनाव आयोग को भेजे थे.
इससे पहले सोमवार को उद्धव ठाकरे गुट को चुनाव आयोग ने चुनाव चिन्ह के तौर पर ’मशाल’ का निशान दिया था. आयोग ने धार्मिक बोध का हवाला देते हुए उद्धव ठाकरे गुट ‘त्रिशूल’ पर उसका दावा खारिज कर दिया था. एकनाथ शिंदे गुट ने इसके अलावा सूरज और पीपल का पेड़ का विकल्प भी दिया था, जिसे आयोग ने नकार दिया है. इसके अलावा एकनाथ शिंदे की पार्टी को चुनाव आयोग ने बालासाहेबांची शिवसेना नाम जारी किया था.

अंधेरी विधानसभा सीट पर तीन नवंबर को उपचुनाव होना है  
अब अंधेरी विधानसभा उपचुनाव में दोनों गुट को अपने अपने नए नाम और निशान के साथ ही जाना होगा. हालांकि सूत्रों की माने तो अंधेरी उपचुनाव शिंदे की सहयोगी पार्टी भाजपा लड़ेगी. यहां इस विधानसभा सीट के लिए तीन नवंबर को उपचुनाव होना है. शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन की वजह से यह सीट खाली हुई है. इस सीट पर उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा और शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है.  
गौरतलब है कि हाल ही में चुनाव आयोग ने आगामी अंधेरी विधानसभा उपचुनाव में शिवेसना के नाम और चुनाव चिन्ह धनुष और तीर के इस्तेमाल पर अंतरिम रोक लगा दी थी. इसके बाद उद्धव और शिंदे दोनों गुट को नए नाम और निशान आवंटित किए गए हैं.

कार्यकर्ता चुनाव चिह्न ‘मशाल’ लेकर बाल ठाकरे के स्मारक पर गए 
उधर, शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े के कार्यकर्ता मंगलवार को हाथों में मशाल लेकर पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे के स्मारक गए. पार्टी कार्यकर्ता हाथों में जलती मशाल लेकर उपनगरीय क्षेत्र बांद्रा में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी निवास ‘मातोश्री’ भी गए थे.  उद्धव ठाकर ने पार्टी कार्यकर्ताओं से नए चुनाव निशान की अहमियत को समझने की अपील की है. इसे अंधेरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव से पहले लोगों को नए चुनाव निशान से रूबरू कराने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है.

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