शेख अब्दुल रशीद को NIA से मिली बड़ी राहत, इस दिन लेंगे लोकसभा में शपथ
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शेख अब्दुल रशीद को NIA से मिली बड़ी राहत, इस दिन लेंगे लोकसभा में शपथ

Sheikh Abdul Rashid News: कश्मीरी नेता शेख अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) से बड़ी राहत मिली है.कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ लोकसभा में शपथ लेने की इजाजत दी है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.

शेख अब्दुल रशीद को NIA से मिली बड़ी राहत, इस दिन लेंगे लोकसभा में शपथ

Sheikh Abdul Rashid News: जेल में बंद कश्मीरी नेता शेख अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) से बड़ी राहत मिली है. NIA ने अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद को 25 जुलाई को सांसद के तौर पर शपथ लेने के लिए आज यानी 1 जुलाई को अपनी सहमति दे दी है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह इस पर 2 जुलाई को आदेश पारित करेंगे.

अंतरिम जमानत के लिए कोर्ट का किया था रुख
बारामूला से निर्दलीय सांसद राशिद को जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के वित्त पोषण के एक मामले में 2017 में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने शपथ लेने और अपने संसदीय कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए अंतरिम जमानत के लिए कोर्ट का रुख किया था. यहां एक विशेष कोर्ट ने 22 जून को मामले पर सुनवाई स्थगित कर दी थी और एनआईए से जवाब मांगा था.

NIA के वकील ने क्या कहा?
NIA के वकील ने आज यानी 1 जुलाई को कहा, "राशिद को कुछ शर्तों के साथ शपथ लेने की मंजूरी दी जानी चाहिए, जैसे कि वह मीडिया से बात न करें." उन्होंने यह भी कहा, "राशिद को सभी औपचारिकताएं एक दिन के भीतर पूरी करनी होंगी." 

राशिद पर लगा गंभीर इल्जाम
राशिद अभी तिहाड़ जेल में हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी NIA के जरिए राशिद पर आतंकवाद के वित्त पोषण में कथित संलिप्तता के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत इल्जाम लगाए जाने के बाद साल 2019 से ही वह जेल में हैं. कश्मीरी कारोबारी जहूर वटाली से पूछताछ के दौरान पूर्व विधायक का नाम सामने आया था. एनआईए ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को वित्त पोषण देने के इल्जाम में वटाली को गिरफ्तार किया था. 

केंद्रीय जांच एजेंसी ने मामले में कश्मीरी अलगाववादी लीडर यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा संस्थापक हाफिज सईद और हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत कई लोगों के खिलाफ एक आरोपपत्र दाखिल किया था. मलिक को आरोपों को स्वीकार करने के बाद 2022 में एक निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनायी थी.

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