कोरोना संक्रमित होने के चार सप्ताह या उससे ज्यादा वक्त के बाद भी अगर मरीज में लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे लॉन्ग कोविड कहा जाता है.
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नई दिल्लीः कोरोना वायरस संक्रमण के शुरू होने के बाद से पिछले दो साल के दौरान करीब चार करोड़ भारतीयों में लॉन्ग कोविड के लक्षण दिखे हैं. हालांकि यह रिपोर्ट अभी प्रीप्रिंट है और इसकी अभी समीक्षा नहीं हुई है.
कोरोना संक्रमित होने के चार सप्ताह या उससे ज्यादा वक्त के बाद भी अगर मरीज में लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे लॉन्ग कोविड कहा जाता है. इसके लक्षणों में थकान, सांस लेने में दिक्कत, ध्यान लगाने में परेशानी और जोड़ों में दर्द शामिल है. लक्षणों की वजह से मरीजों की रोजमर्रा की गतिविधियां प्रभावित होती हैं.
शोधकर्ताओं की अंतर्राष्ट्रीय टीम ने लॉन्ग कोविड के तीन लक्षणों थकान, ध्यान लगाने में परेशानी और सांस लेने में तकलीफ के मामलों पर रिसर्च किया था. उन्होंने 44 से ज्यादा वैश्विक अध्ययनों और मेडिकल रिकॉर्ड के डाटाबेस से आंकड़े लिए है. उन्होंने 204 देशों के ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजीज से भी आंकड़े जमा किए हैं.
अध्ययन के मुताबिक, 2020 और 2021 में 14.47 करोड़ लोग कम से कम तीन में से एक लक्षण से मुतासिर हुए हैं. इनमें से 60.4 प्रतिशत लोगों को खांसी, जुकाम और सांस लेने में तकलीफ जैसी श्वसन संबंधी परेशानी हुई.
लॉन्ग कोविड से जूझने वाले लोगों में से 50 फीसदी से ज्यादा लोगों ने बदन में दर्द, हमेशा थकान होने और आसानी से निराश होने की शिकायत की है. ध्यान लगाने में परेशानी की शिकायत 35.4 प्रतिशत लोगों ने की है. लॉन्ग कोविड की शिकायत 20 से 29 साल की महिलाओं में ज्यादा पाई गई है. इसके अलावा बच्चों में भी लॉन्ग कोविड के लक्षण पाए गए है.
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