Rape won't stand if woman knowing man is married: केरल हाईकोर्ट ने एक शिकायतकर्ता के केस को इस आधार पर रद्द करने का आदेश दे दिया है, क्योंकि महिला को इस बात की जानकारी थी कि उसका पुरुष मित्र पहले से शादीशुदा था इसके बाद भी वह उसके साथ इस आधार पर यौन संबंधों में रही कि उसने शादी का वादा किया था.
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कोच्चिः केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि शादी के झूठे वादे पर किसी पर बलात्कार का इल्जाम तब तक नहीं टिकेगा जब महिला को पता हो कि वह पुरुष पहले से ही शादीशुदा है, और फिर भी उसने आरोपी के साथ यौन संबंध जारी रखा हो. यह फैसला जस्टिस कौसर एडग्गापथ की बेंच ने दिया है. कोर्ट ने कहा कि ऐसे जोड़े के बीच किसी भी तरह के यौन संबंधों को सिर्फ प्यार और जुनून की वजह ही कही जा सकती है, न कि शादी का कोई झूठे वादा ?
झूठे बहाने से संभोग का इल्जाम खत्म हो जाएगा
आदेश के मुताबिक, “यह स्वीकार किया गया है कि प्रतिवादी 2010 से याचिकाकर्ता के साथ यौन संबंध बना रहा था, और याची ने 2013 से उसकी शादी के बारे में जान कर भी उससे संबंध जारी रखा. अगर ऐसा होता है तो शादी करने के झूठे बहाने से संभोग का इल्जाम खत्म हो जाएगा. अदालत ने दोहराया कि अगर कोई मर्द किसी औरत से शादी करने के अपने वादे को वापस लेता है, तो उनके द्वारा सहमति से किया गया यौन संबंध आईपीसी की धारा 376 के तहत रेप नहीं माना जाएगा, जब तक कि यह स्थापित नहीं हो जाता कि इस तरह के यौन संबंध के लिए सहमति उसके द्वारा दी गई थी.
याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द
इस केस में अभियोजन का इल्जाम था कि नौ साल की अवधि में याचिकाकर्ता ने शिकायतकर्ता को शादी का झूठा वादा देकर भारत और विदेशों में कई जगहों पर उसके साथ यौन संबंध बनाए थे. अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता के बयान से पता चलता है कि वह 2010 से याचिकाकर्ता को जानती थी, और उसे इस तथ्य के बारे में पता चला कि याचिकाकर्ता की शादी पांच से छह साल पहले हुई थी. इसके बावजूद वह 2019 तक उसके साथ यौन संबंध में रही. अदालत ने आखिरकार याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का फैसला सुना दिया.
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