"बकरे का सिर भी नहीं मिलता है 500 में, इतने में मौर्य का सिर लाने की रिस्क कौन लेगा महाराज"
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"बकरे का सिर भी नहीं मिलता है 500 में, इतने में मौर्य का सिर लाने की रिस्क कौन लेगा महाराज"

रामचरितमानस विवादः अयोध्या के महंत जगद्गुरु परमहंस द्वारा सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर लाने वाले को 500 रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा के बाद सोशल मीडिया यूजर्स इस धमकी का मजाक उड़ाते हुए इनाम की रकम बढ़ाने की अपील कर रहे हैं. 

अयोध्या के जगद्गुरु परमहंस और  सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य

अयोध्याः सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा हिंदू महाकाव्य रामचरितमानस पर दिया गया बयान थमने का नाम नहीं ले रहा है. मौर्य को लगातार धमकियां दी जा रही है. ताजा धमकी अयोध्या के जगद्गुरु परमहंस की तरफ से मिली है. उन्होंने कहा है कि वह मौर्य का सिर लाने वाले को 500 रुपये का नकद इनाम देंगे. उन्होंने आगे कहा कि अगर स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो, मैं प्रसाद का सिर लाने वाले को 500 रुपये, जीभ लाने वाले को 300 रुपये और उसकी नाक काट कर लाने वाले को 200 रुपये इनाम दूंगा. इससे पहले भी मौर्य का सिर लाने वाले को करोड़ों का इनाम देने की घोषणा एक संत कर चुके हैं और कई धार्मिक स्थानों पर मौर्य के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

हालांकि, अयोध्या के जगद्गुरु परमहंस की धमकी के बाद सोशल मीडिया पर लोग तंजिया लेहजे में सवाल पूछ रहे हैं, जब बाजार में एक बकरे का सिर भी 500 रुपये में नहीं मिलता है, तो मौर्य का सिर 500 में कौन लाएगा. एक यूजर ने लिखा कि 500 में सिर, 300 में जुबान और 200 में नाक बहुत सस्ता है संत जी, 800 में इतना बड़ा रिस्क कौन लेगा, इनाम की रकम बढ़ाईये! 

ओबीसी नेता ने रामचरितमानस पर उठाया था सवाल 
गौरतलब है कि पिछले रविवार को, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के प्रमुख ओबीसी नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने 16 वीं शताब्दी के कवि-संत तुलसीदास द्वारा रचित धार्मिक पुस्तक रामचरितमानस के कुछ अंशों पर सवाल उठाते हुए इस किताब पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. उन्होंने इल्जाम लगाया था कि रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं को लेकर अपमानजनक बातें लिखी गई है. सपा नेता ने कहा था, “मुझे रामचरित्रमानस से कोई समस्या नहीं है, लेकिन इसके कुछ हिस्सों में विशेष जातियों और संप्रदायों पर अपमानजनक टिप्पणियां और कटाक्ष की गई है, जिसे हटाया जाना चाहिए. मौर्य ने दावा किया था कि तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस में दलित समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले शब्द हैं.

"सपा में जाकर पागल कुत्ता बन गए हैं मौर्य’’ 
इस बीच, रामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि अखिलेश यादव के समर्थन की वजह से स्वामी प्रसाद मौर्य के अंदर ऐसी बातें बोलने का साहस बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, “बीएसपी और बीजेपी में रहते हुए मौर्य ने कभी इस तरह की बातें नहीं कीं. एसपी में आकर वह पागल कुत्ता बन गए हैं.’’ वहीं, मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य पर रामायण पर आधारित एक महाकाव्य हिंदू धार्मिक पुस्तक रामचरितमानस पर उनकी टिप्पणी के लिए मामला दर्ज किया गया है.

Zee Salaam

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