Rajasthan News: राजस्थान में ‘उड़ान योजना’के तहत बांटे जाने वाले सेनेटरी नैपकीन झालावाड़ में जला हुआ मिला. अधिकारी मौके पर पहुंच कर जांच कर रही है. बैच के आधार पर जांच हो रही है.
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Rajasthan News: राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने अपने राज्यवासियों के लिए सौगात का पिटारा खोल रखा है. इसी के तहत सीएम ने महिलाओं और लड़कियों के लिए ‘उड़ान योजना’ शुरु की है. इस योजना के तहत 10 से 45 साल तक की 1.20 करोड़ महिलाओं और बालिकाओं को फ्री सेनेटरी नैपकिन बांटेगी, लेकिन इसकी सच्चाई यह है कि सरकारी अधिकारी इस ‘उड़ान योजना’ का बट्टा लगा रहे हैं. अधिकारियों ने तो कागजों में वितरण बता दिया, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है, ऐसे ही एक मामले का खुलासा हुआ है जब सैनेटरी नैपकिन की बड़ी संख्यां में जंगल में पड़े मिले .
राजस्थान सरकार द्वारा उड़ान योजना के तहत राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों एवं गवर्मेंट स्कूलों में बांटे जाने वाले हजारों की संख्यां में सेनेटरी नैपकिन को झालावाड़ जिले के बाबाजी की तलाई के पास फेकने एवं जलाने का मामला सामने आया है. वहां पर बचे सेनेटरी नैपकिन के अवशेष पर राजस्थान सरकार का उड़ान योजना का लोगो, बैच नंबर एवं बनने का तारीख लिखा हुआ है, जबकि नैपकिन की एक्सपायरी 2025 है.
सबूत को मिटाने की कोशिश
जब मीडिया ने इस मामलें पर स्थानीय पदाधिकारियों से बात की, तो घंटों बाद ब्लॉक चिकित्सा पदाधिकारी अंकुर सोमानी , प्रोजेक्ट अधिकारी दिलीप गुप्ता, Women and Child Development Sector सहित दल बल मौके पर पहुंचे, जहां पर अधिकारियों को मौके हजारों की संख्यां में पैड के अवशेष मिले, और अधिकारियों के पहुंचने से पहले सबूतों को मिटाने की भरपूर कोशिश की गई. प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग तीन हजार सेनेटरी नैपकिन को ऑटो से लाकर कर जलाने की कोशिश की गई.
CHMO ने कहा
इल पूरे मामले पर CHMO सुनेल सोमानी ने कहा कि जैसे ही इस बाबत सूचना मिली तो हमारी टीम मौके पर पहुंची. वहां पर देखा कि बड़ी संख्या में सेनेटरी जले हुए हैं. वहीं आस पास कुछ पैड के पैकेट में भी मिले हैं, जिस पर बैच नंबर और लोगो उड़ान योजना का है.
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बैच नंबर के आधार पर जांच जारी
बैच नंबर के बेस पर खोजबीन की जा रही है, कि आखिर जले हुए सैनेटरी नेपकीन कौन से विभाग से है, अधिकारी ने कहा कि जो भी दोषी होगा,उस पर कड़ी कार्रवाई के लिए बड़े अधिकारियों को लिखा जाएगा.
प्रोजेक्ट अधिकारी दिलीप गुप्ता और Women and Child Development Sector से सुनेल ने मीडिया को बताया कि मौके पर मिले सेनेटरी नैपकिन पर बैच नंबर लिखा हुआ है जिसकी जांच हमने आंगनबाड़ी केंद्रों पर कराई. ऐसा लगता है कि इस बैच नंबर के सेनेटरी नैपकिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर बांटने के लिए नहीं दिया गया है, लेकिन फिर भी इस जुड़े मामले की जांच हो रही है.