Priyanka Gandhi Vadra Oath: वायनाड सीट से जीतीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को लोकसभा में सांसद पद की शपथ लीं. भारत के संसदीय इतिहास में पहला मौका है जब नेहरू-गांधी परिवार के तीन सदस्य संसद में नजर आएंगे. दादी व पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की मौत के 40 साल बाद अब पोती प्रियंका संसद पहुंची हैं.
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Priyanka Gandhi Vadra: भाई राहुल गांधी के नक्शेकदम पर चलते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को भारतीय संविधान की कॉपी लेकर लोकसभा में सांसद पद की शपथ ली. पहली बार संसद पहुंची प्रियंका गांधी के शपथ के दौरान पूरा गांधी परिवार भी सदन में मौजूद रहा. इस खास मौके पर मां सोनिया गांधी, भाई राहुल गांधी के अलावा पति रॉबर्ट वाड्रा, उनके बेटे रेहान वाड्रा और बेटी मिराया वाड्रा भी पार्लियामेंट में मौजूद थे.
प्रियंका गांधी सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद सांसद के रूप में शपथ लीं. इस दौरान उन्होंने क्रीम कलर की साड़ी पहनी रखी थीं. संसद भवन में शपथ ग्रहण के दौरान प्रियंका ने हाथ में संविधान की कॉपी ले रखा था. उन्होंने हिंदी भाषा में शपथ लीं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अक्सर अपनी रैलियों के दौरान भारतीय संविधान की लाल रंग की प्रति ले जाते हुए देखा जाता है. लोकसभा में विपक्ष के नेता इसे पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से "संविधान की रक्षा" के लिए एक आंदोलन कहते हैं.
#WATCH | Congress leader Priyanka Gandhi Vadra takes oath as Member of Parliament in Lok Sabha
(Video source: Sansad TV/YouTube) pic.twitter.com/eaLJzpTY2y
— ANI (@ANI) November 28, 2024
कांग्रेस महासचिव ने हाल ही में केरल के वायनाड सीट से उपचुनाव जीतने के बाद संसद के रूप में शपथ लेकर अपनी चुनावी शुरुआत की. यह भारत के संसदीय इतिहास में पहला मौका है जब नेहरू-गांधी परिवार के तीन सदस्य सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अब प्रियंका गांधी संसद में नजर आएंगे. संसद में जहाँ कांग्रेस की सीटें घट गयी है, राज्यों में सीटें कम हो रही है, वहीँ संसद में नेहरु परिवार की तादाद बढ़ गयी है, क्या एक पार्टी के तौर पर कांग्रेस को आने वाले चुनाव में इसका कोई फायदा होगा, अवाम के सामने ये एक बड़ा सवाल है ?
प्रियंका की दादी से होती है तुलना
दिखने और बोलने के तरीके में समानता के लिए प्रियंका गांधी की अक्सर तुलना उनकी दादी और भारत की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी से की जाती है. इंदिरा गाँधी की 31 अक्टूबर 1984 को उनके अंग रक्षकों ने हत्या कर दी थी. दादी की मौत के 40 साल बाद पोती अब संसद पहुंची है. लोगों के मन में ये बड़ा सवाल है कि क्या प्रियंका गाँधी अपनी दादी की तरह सियासत में आक्रामक होते हुए लोकप्रियता के उस शिखर तक पहुँच पाएंगी जहाँ, उनकी दादी पहुंची थी ? प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में एंट्री करने से पहले कांग्रेस के लिए प्रचार करती रही हैं. वो 2004 से लगातार पार्टी के लिए काम रही हैं. शपथ लेने के बाद नवनिर्वाचिंत सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का हाथ जोड़कर अभिवादन किया और फिर इसके बाद प्रियंका विपक्षी सांसदों के लिए बने आसन की चौथी पंक्ति में जाकर बैठ गईं.
पहली बार पहुंची संसद
प्रियंका गांधी के लिए आज का दिन खास तो है ही हमेशा के लिए यादगार भी बन गई. दरअसल, प्रियंका की संसदीय सफर हंगामे के साथ शुरू हुई. शपथ ग्रहण खत्म होने के तुरंत बाद जैसे ही संसद की कार्यवाही शुरू हुई विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया. भारी हंगामे को देखते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कार्यवाही 12 बजे के लिए मुल्तवी कर दी. कांग्रेस ने पहली बार महासचिव प्रियंका गांधी को टिकट दिया था, जिसमें वो जीत हासिल करने में सफल हुईं. प्रियंका ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट से उपचुनाव में रिकॉर्ड चार लाख से ज्यादा मतों के अंतर से जीत हासिल की है. लोकसभा चुनाव में राहुल गाँधी ने ये सीट जीती थी, लेकिन बाद में उन्होंने ये सीट छोड़ दिया क्यूंकि राहुल गाँधी ने राय बरेली से भी चुनाव लड़ा था, और उसपर भी उनकी जीत हुई थी. ये सीट सोनिया गाँधी की सीट थी, लेकिन सोनिया गाँधी के राज्यसभा से संसद पहुँचने के बाद राहुल ने यहाँ से चुनाव लड़ा था.