पीएम मोदी ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा का जिक्र किया और कहा कि 140 करोड़ भारतीय बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं के लिए फिक्रमंद हैं. एक पड़ोसी देश होने के नाते हम हमेशा चाहते हैं कि हमारा पड़ोसी मुल्क तरक्की करे.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में समान नागरिक संहिता की साफ तौर पर वकालत करते हुए कहा कि मौजूदा "सांप्रदायिक" नागरिक संहिता के जगह पर "धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता" समय की मांग है.
मोदी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के लिए दी जाने वाली सज़ाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने की ज़रूरत है, ताकि परिणाम का डर बना रहे. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने "महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास मॉडल" पर काम किया है, लेकिन वे अभी भी महिलाओं के खिलाफ़ बलात्कार और हिंसा की घटनाओं को लेकर फिक्रमंद है.
मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर फार्मिंग सेक्टर में बड़े सुधारों पर जोर दिया और देश में किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के कोशिशों पर जोर दिया. प्रधानमंत्री ने जैविक खेती को चुनने के लिए किसानों की सराहना की.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई ग्लोबल कंपनियां भारत में निवेश करना चाहती हैं और राज्य सरकारों से कहा कि वे उन्हें आकर्षित करने के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा करें. मोदी ने कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल में उन्होंने जिन लोगों से मुलाकात की, उनमें से ज्यादातर भारत में निवेश करना चाहते थे.
मोदी ने विपक्ष पर इनडायरेक्ट हमला करते हुए कहा कि जब देश एकजुट संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तो कुछ लोग प्रगति को "बर्दाश्त" नहीं कर सकते. प्रधानमंत्री ने कहा, "हम एक ही संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन कुछ लोग हैं जो प्रगति को बर्दाश्त नहीं कर सकते या भारत की प्रगति के बारे में तब तक नहीं सोच सकते जब तक कि इससे उन्हें लाभ न हो. वे अराजकता चाहते हैं.
मोदी ने देश में "एक राष्ट्र और एक चुनाव" लाने पर जोर देते हुए कहा कि आजकल हर कल्याणकारी योजना चुनाव से जुड़ी हुई है. प्रधानमंत्री ने कहा, "देश में लगातार चुनाव होने से विकास में बाधा आ रही है. देश में कल्याणकारी योजनाएं अब चुनाव से जुड़ गई हैं."
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