इसराइल के विरोध में खड़ी हो रही दुनिया; ऑस्ट्रेलियाई संसद में फलस्तीन की आज़ादी के लगे नारे
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इसराइल के विरोध में खड़ी हो रही दुनिया; ऑस्ट्रेलियाई संसद में फलस्तीन की आज़ादी के लगे नारे

Australia News: ऑस्ट्रेलियाई संसद के एक मेंबर ने गाजा जंग को लेकर फैसले से असहमति जताते हुए सरकार से बाहर होने का ऐलान किया. पांच सप्ताह की छुट्टी के बाद संसद की कार्यवाही के आखिरी दिन हमास के खिलाफ इसराइल के जंग को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई.

इसराइल के विरोध में खड़ी हो रही दुनिया; ऑस्ट्रेलियाई संसद में फलस्तीन की आज़ादी के लगे नारे

Australia News: फलस्तीन के समर्थन में कई मुल्कों में इसराइली सैनिकों के नरसंहार के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. इसी बीच ऑस्ट्रेलिया के संसद भवन की सिक्योरिटी सिस्टम को चकमा देते हुए फलस्तीन समर्थक बृहस्पतिवार को संसद के भीतर दाखिल हो गए और भवन की छत से बैनर लहराकर विरोध जताया.

संसद के एक मेंबर ने गाजा जंग को लेकर फैसले से असहमति जताते हुए सरकार से बाहर होने का ऐलान किया. पांच सप्ताह की छुट्टी के बाद संसद की कार्यवाही के आखिरी दिन हमास के खिलाफ इसराइल के जंग को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई.

संसद भवन के सामने किया प्रदर्शन
'ग्रेट वेरंडा' के नाम से मशहूर इमारत के सामने चार प्रदर्शनकारियों ने एक घंटे से ज्यादा वक्त तक "युद्ध अपराध" और "नरसंहार" शब्दों के साथ-साथ फलस्तीनी रैली के प्रमुख नारे "नदी से समुद्र तक, फलस्तीन आजाद होगा" नारे वाले बैनर लहराए. हालांकि, चारों प्रदर्शनकारियों को बाद में अरेस्ट कर लिया गया. 

फातिमा पायमन ने क्या कहा?
सीनेटर फातिमा पायमन ने ऐलान किया कि गाजा पर पार्टी के रुख को अस्वीकार करते हुए उन्होंने सत्तारूढ़ लेबर पार्टी छोड़ दी है. अफगानिस्तान में जन्मीं फातिमा पायमन इकलौती ऑस्ट्रेलियाई MP हैं, जिन्होंने सदन की बैठकों के दौरान हिजाब पहना. फातिमा ने कहा, "मेरा परिवार युद्धग्रस्त देश से भागकर रिफ्यूजी के रूप में इसलिए यहां नहीं आया है कि मैं बेगुनाह लोगों पर हो रहे जुल्म को देखकर चुप रहूं."

उन्होंने आगे कहा, "हमारे वक्त के सबसे बड़े अन्याय के प्रति हमारी सरकार की उदासीनता को देखकर मैं पार्टी के रुख पर सवाल उठाने को मजबूर हूं." पहली बार सीनेटर बनीं फातिमा ने पिछले सप्ताह एक छोटे दल के प्रस्ताव का सपोर्ट करके अपने सरकारी सहयोगियों की अवहेलना की थी, जिसमें पार्लियामेंट से फलस्तीन को मान्यता देने की मांग की गई थी.

ऑस्ट्रेलिया ने फलस्तीन को एक देश के रूप में अभी तक मान्यता नहीं दी है. ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वि-राष्ट्र समाधान को लेकर प्रतिबद्ध है, जिसमें इसराइल और फ्यूचर का फलस्तीन इटरनेशनल लेवल पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर शांति और सुरक्षा के साथ सह-अस्तित्व में रह सकें. पुलिस ने कहा कि चारों प्रदर्शनकारियों पर संसद भवन में गैर-कानूनी तरीके से एंट्री का इल्जाम लगाया जा सकता है.

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