Pakistan Web Series: पाकिस्तान की एक वेब सीरीज का इंटरनेट पर काफी विरोध हो रहा है. इस वेब सीरीज में भारत में हुई घटनाओं को दिखाया गया है. सोशल मीडिया पर लोग इसको लेकर अलग-अलग रिएक्शन दे रहे हैं.
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Pakistan Web Series: पाकिस्तान अकसर भारत के खिलाफ जहर उगलता रहता है. अकसर यहां से धर्मपरिवर्तन, हिंदुओं और सिखों के खिलाफ हिंसा के मामले आते रहते हैं. इसके बावजूद पाक हिंदुस्तान के खिलाफ जहर उगलता है. एक बार फिर पाकिस्तान ने ऐसा काम किया है जिसकी पूरे भारत में मुखालिफत हो रही है. दरअसल एक वेब सीरीज बनाई गई है. जिसमें भारत और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला गया है. बताया गया है कि भारत में मुसलमानों के खिलाफ जुल्म होता है. इस वेब सीरीज का नाम है 'सेवक-द कन्फेशन' (Sevak- The Confessions) है. हालही में पाकिस्तान देश में इस सीरीज को ट्रेलर लॉन्च किया गया है.
इस ट्रेलर के बाद लोग अलग-अलग रिएक्शन दे रहे हैं. सेवक के इस ट्रेलर में 1984 के दंगे, गुजरात दंगा और बाबरी मस्जिद विवाद को दिखाया गया है. हिंदू संतों को मुसलमानों से नफरत करने वाला दिखाया गया है. इसके अलावा ट्रेलर में दीप सिद्धू, हेमंत करकरे, गौरी लंकेश और जुनैद खान की जिंदगी के बारे में दर्शाया गया है.
#Trailer A Bold Take on #Hindutva Pakistani 8 episode web series #Sevak The Confessions’based on true events between 1984& 2022.The series is based on the life of Deep S Sidhu,Gauri Lankesh,Hemant Karkare, Graham Staines, Junaid Khan,Surekha Bohtmange.Babri Mosque & Gujarat riots pic.twitter.com/UpAvkRMPrj
— Ghulam Abbas Shah (@ghulamabbasshah) December 7, 2022
इस ट्रेलर का सोशल मीडिया पर जमकर विरोध हो रहा है. लोग इसे भारतीयों के खिलाफ बता रहे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि पाकिस्तान बार-बार भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा दिखाने की कोशिश करता रहा है. एक शख्स लिखता है ये एक सस्ते प्रोपगेंडा का उदाहरण है. वहीं दूसरा शख्स कहता है मिर्जापुर जैसी गाली देकर ये सीरीज हिट नहीं होगी.
आपको बता दें पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की बुरी हालत है. अकसर अपहरण, जबरन धर्मपरिवर्तन और रेप के मामले सामने आते रहते हैं. पुछले कुछ सालों में मंदिरों पर हमलों को भी रिपोर्ट किया गया है. ऐसे में यूजर्स का कहना है कि ऐसी वेब सीरीज बनाने से अच्छा है कि पाकिस्तान को अपने गिरेबान में झाकना चाहिए और अपनी गिरती हुई मईशत (अर्थ व्यवस्था) पर काम करना चाहिए.