Onion Tomato Price Hike: टमाटर और प्याज के दाम में इजाफा देखने को मिला है. एक महीन में दाम कई फीसद बढ़ गए हैं. जिससे लोगों की जेब पर खास फर्क पड़ा है. पूरी खबर पढ़ें.
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Onion Tomato Price Hike: पिछले साल कम उत्पादन की वजह से प्याज, आलू और टमाटर जैसी प्रमुख सब्जियों की कीमतें लगातार ऊंची बनी हुई हैं, जिससे परिवारों पर बोझ बढ़ रहा है. इसके अलावा, अप्रैल से पड़ रही भीषण गर्मी और शुष्क मौसम के कारण कई आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली सब्जियों की आपूर्ति कम हो गई है, जिससे मांग आलू, प्याज और टमाटर की ओर बढ़ गई है.
प्याज और आलू की खुदरा कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी गई, जबकि टमाटर की कीमतों में सालाना गिरावट के बावजूद मासिक वृद्धि देखी गई. 30 जून तक बाजार के रुझान के अनुसार, पिछले साल की तुलना में थोक प्याज की कीमतों में 106 फीसद का इजाफा देखा गया. इसी तरह, थोक आलू की कीमतों में भी 96 फीसद का इजाफा हुआ. हालांकि थोक टमाटर की कीमतों में सालाना आधार पर 40 फीसद की गिरावट आई है, लेकिन मासिक आधार पर कीमतों में 112.39 फीसद की तेजी देखी गई है.
जून में मामूली नरमी के बावजूद टमाटर की कीमतों में पिछले महीने के मुकाबले तेजी से बढ़ोतरी हुई है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मूल्य निगरानी प्रभाग के अनुसार, टमाटर का दैनिक औसत खुदरा मूल्य 3 जुलाई को 55 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया, जबकि एक महीने पहले यह 35 रुपये प्रति किलोग्राम था.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल की अनियमित बारिश की वजह से प्याज के उत्पादन में 20 फीसद की गिरावट आई है और खराब मानसून के कारण 2024 में सर्दियों में बोई जाने वाली प्याज का उत्पादन 20 प्रतिशत औरे कम हो सकता है.
अप्रैल से ही उच्च तापमान और जलाशयों के गिरते स्तर ने मौसमी सब्जियों जैसे भिंडी, लौकी, बीन्स, गोभी और शलजम को भी प्रभावित किया है. व्यापारियों के अनुसार, गर्म हवाओं के कारण ताजी सब्जियां बुरी तरह सड़ रही हैं, जिससे कीमतों पर असर पड़ा है.
जून में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपने मासिक बुलेटिन में कहा था कि हालांकि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति मार्च-अप्रैल के दौरान और कम हुई है, लेकिन असाधारण रूप से गर्म गर्मियों में और जलाशयों के निम्न स्तर के कारण सब्जियों और फलों की गरमी की फसल पर दबाव पड़ सकता है.