इस्लाम शांति का मज़हब; अपनी नफ्स के खिलाफ जिहाद सबसे बेहतर है: NSA अजीत डोभाल
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इस्लाम शांति का मज़हब; अपनी नफ्स के खिलाफ जिहाद सबसे बेहतर है: NSA अजीत डोभाल

NSA Ajit Doval: भारत और इंडोनेशिया के उलेमा के बीच दिल्ली में मौजूद इस्लामिक कल्चरल सेंटर में हो रही खास मीटिंग के दौरान NSA अजीत जोभाल ने इस्लाम को बड़ी बात कही है. पढ़ें खबरें

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NSA Ajit Doval on Islam: इंडोनेशिया और भारतीय उलेमाओं के बीच हो इस्लामिक कल्चरल सेंटर में हो रही खास मीटिंग के दौरान NSA अजीत डोभाल ने इस्लाम को लेकर कहा है कि इस्लाम शांति का मज़हब है जो कहता है कि एक इंसान का कत्ल सारी इंसानियत के कत्ल के बराबर है. इस दौरान उन्होंने जिहाद को लेकर भी बड़ी बात कही. डोभाल ने कहा कि नफ़्स के खिलाफ जिहाद अफ़ज़ल है.

अपने खिताब में अजीत डोभाल ने सबसे पहले इंडोनेशिया में आए भयंकर भूकंप के बाद पैदा हुआ हालात पर दुख का इज़हार किया है. इसके बाद उन्होंने दोनों देशों के मज़बूत रिश्तों को लेकर कहा कि दोनों देशों की रिच हिस्ट्री है. हमारे ताल्लुकाद 14वीं शताब्दी से चले आ रहे हैं. अजीत डोभाल ने आगे कहा कि भारत और इंडोनेशिया मिल कर दुनिया को बड़ा मैसेज दे सकते है. इंडोनेशिया समाजिक सदभावना की बड़ी मिसाल, क्योंकि दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी होने के बावजूद यह देश पुराने रीति रिवाज के साथ जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि भारत से लाखों लोग इंडोनेशिया की राजधानी बाली में मौजूद में जाते हैं. 

आपसी भाईचारे को आगे बढ़ाने और  दोनों देशों के उलेमा एक साथ अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करने के मकसद से हो रही इस बड़ी मीटिंग में अजीत डोभाल ने कहा कि ये दौरा हमारे रिलेशन को और ज्यादा मजबूत करने में मदद करेगा. उलेमा का डेलिगेशन लाने का आइडिया बहुत अच्छा है. क्योंकि इन लोगों का समाज मे गहरा असर होता है ये लोग समाज में अपना अहम किरदार अदा कर सकते हैं. 

डोभाल ने आगे कहा कि लोकतंत्र में नफरती भाषण,  मज़हब के गलत इस्तेमाल की कोई जगह नहीं है. मज़हब का गलत इस्तेमाल हम सभी के खिलाफ है इस्लाम इसकी इज़ाज़त नहीं देता. हमारे दोनों देश (भारत और इंडोनेशिया) आतंकवाद और अलगाववाद के शिकार रहे हैं. जबकि हमने चुनौतियों पर काफी हद तक काबू पा लिया है, सरहद पार आतंकवाद और आईएसआईएस से प्रेरित आतंकवाद की घटना एक खतरा बनी हुई है. लेकिन ISIS जैसे संगठन खतरनाक बने हुए हैं. इसलिए सभी का कोऑपरेशन ज़रूरी है. उन्होंने कहा कि भारत और इंडोनेशिया मिलकर दुनिया को बड़ा पैगाम दे सकते हैं. इंडोनेशिया समाजिक सदभावना की बड़ी मिसाल. मुझे उम्मीद है आज जो बात चीत होगी उससे नए आईडिया आएंगे.

इस दौरान इंडोनेशिया के मंत्री मोहम्मद मफहूद एमडी ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस का आईडिया मेरे दोस्त अजीत डोवाल का था. मैं उलेमाओं के डेलिगेशन को लेकर यहां आया हूं. हमारा संकल्प ये है कि इस्लामी रूल्स को फॉलो करना है और इंडोनेशिया की अखंडता बरकरार रखनी है. मज़हब शांति का प्रतीक होता है. हम सब इस समय कई चुनौतियों का सामना कर रहे है, गरीबी, एनवायरमेंट और खाने की कमी जैसे कई अहम मुद्दों से जूझ रहे हैं.

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