Manipur Violence Update: हिंसा प्रभावित मणिपुर के जिरीबाम जिले में उग्रवादियों ने तीन महिलाओं और तीन बच्चों की निर्ममता से हत्या कर दी थी. इसके बाद शनिवार को एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी है. इलाके में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं. नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने राज्य में बढ़ते तनाव के बीच सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है.
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Manipur Violence: नॉर्थ ईस्ट के मणिपुर में पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से हिंसा से जारी है, यहां पिछले कुछ दिनों से हालात बेहद तनावपूर्ण हैं. ताजा हिंसा ने बिरेन सिंह की अगुआई वाली एनडीए सरकार की टेंशन बढ़ा दी है. दरअसल, नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने बीरेन सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया है. एनपीपी ने रविवार को बीजेपी से समर्थन वापस लेते हुए दावा किया कि एन बीरेन सिंह सरकार पूर्वोत्तर राज्य में "संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह से विफल रही है" .
NPP (National People's Party) withdraws its support to the N. Biren Singh-led Government in Manipur with immediate effect. pic.twitter.com/iJ8VpPxWD2
— ANI (@ANI) November 17, 2024
एनपीपी ने बीजेपी के नेशल प्रेसिडेंट जेपी नड्डा को लिखे लेटर में दावा किया कि पिछले कुछ दिनों में मणिपुर में स्थिति ज्यादा बिगड़ गई है. ताजा हिंसा में कई बेगुनाह लोगों की जान गई है. बता दें, 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में एनपीपी के वर्तमान में 7 MLAs हैं और समर्थन वापस लेने से सरकार की स्थिरता पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि BJP को अपने 32 विधायकों के साथ सदन में पूर्ण बहुमत है. भाजपा को नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के 5 विधायकों और जेडीयू के 6 विधायकों का भी सपोर्ट है.
वहीं, दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों में कांग्रेस के पांच और केपीए के दो एमएलए हैं. गौरलतब है कि इससे पहले भी कुकी पीपुल्स पार्टी (KPA) ने जातीय हिंसा के मद्देनजर राज्य की NDA सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था.
मणिपुर में एक बार फिर से शनिवार को हिंसा उस वक्त भड़क गई जब जिरीबाम जिले में उग्रवादियों ने तीन महिलाओं और तीन बच्चों की निर्ममता से हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद विरोध प्रदर्शन ने फिर से हिंसक रूप लेते हुए 16 नवंबर को मणिपुर के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घरों पर हमला बोल दिया और घरों में जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की. मंत्रियों और विधायकों की गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया. इसके बाद हालात को देखते हुए सात जिलों में इंटरनेट सेवा पूर्णरूप से ठप कर दी है. साथ ही अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू भी लगा दिया गया है.
मणिपुर पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से जातीय संघर्ष से जूझ रहा है. मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पिछले 3 मई को हिंसा भड़की थी. कुकी और मैतई समुदाय में जारी इस हिंसा में पिछले एक साल में 220 से ज्यादा लोग और सुरक्षाकर्मी मारे जा चुके हैं. जबकि हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है.