New Delhi: संसद में हुई राहुल गांधी की धमाकेदार एंट्री, X हैंडल से हटाया ये शब्द
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New Delhi: संसद में हुई राहुल गांधी की धमाकेदार एंट्री, X हैंडल से हटाया ये शब्द

New Delhi: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी की सदस्यता बहाल होने के बाद संसद में धमाकेदार एंट्री हुई है. राहुल गांधी ने X हैंडल से ये शब्द हटा दिया है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्कॉल करें.

New Delhi: संसद में हुई राहुल गांधी की धमाकेदार एंट्री,  X हैंडल से हटाया ये शब्द

New Delhi: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को अपनी सदस्यता बहाल होने के बाद अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से 'अयोग्य सांसद' शब्द को हटा दिया है. पहले दिन में लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी एक आदेश में बताया गया कि 4 अगस्त के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर राहुल गांधी की अयोग्यता जो इस साल 24 मार्च को आदेश दिया गया था. उसे वापस ले ली गई है.

संसद में पहुंचे राहुल गांधी
इस दौरान कांग्रेस पार्टी सांसदों ने संसद में उनका नारों के साथ स्वागत किया और साथी सांसदों को मिठाइयां भी बांटीं. राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक बायो से अयोग्य शब्द हटा दिया और 'संसद सदस्य' लिख दिया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार को उनकी सजा पर रोक लगाने के तीन दिन बाद लोकसभा सचिवालय द्वारा उनकी सदस्यता बहाल कर दिया है. जिसके बाद राहुल गांधी सोमवार को पार्टी सांसदों की नारेबाजी के बीच लोकसभा पहुंचे. वह सबसे पहले संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर गए और प्रार्थना की और फिर लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेने के लिए संसद भवन में दाखिल हुए हैं. 

इस वजह से गई थी सदस्यता
आपको बता दें कि सूरत की एक अदालत राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में दोषी पाया था और उन्हें अधिकतम दो साल की कैद की सजा सुनाई थी. जिसके बाद लोकसभा सचिवालय ने 24 मार्च को उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया था. कांग्रेस नेता ने भी सदस्यता खोने के बाद 22 अप्रैल को उन्होंने अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया. 

सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर लगाई रोक
गुजरात हाई कोर्ट ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर शुक्रवार को रोक लगा दी. जिसके वजह से उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल हो गई. सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए दोषसिद्धि पर रोक लगा दी कि मामले में दो साल की अधिकतम सजा देने के लिए ट्रायल जज द्वारा कोई वजह नहीं बताया गया.

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