Rabia Khan: नेत्रहीन होने के बावजूद राबिया ने नहीं मानी हार; ब्रेल लिपि में लिखा क़ुरान
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1605341

Rabia Khan: नेत्रहीन होने के बावजूद राबिया ने नहीं मानी हार; ब्रेल लिपि में लिखा क़ुरान

Rabia Khan: मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली राबिया ख़ान ने आंखों की रौशनी नहीं होने के बावजूद एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया है. उन्होंने अपनी कमज़ोरी को अपनी ताक़त बनाते हुए एक ऐसा कारनामा कर दिखाया जो हर किसी के लिए मुमकिन नहीं. 

Rabia Khan: नेत्रहीन होने के बावजूद राबिया ने नहीं मानी हार; ब्रेल लिपि में लिखा क़ुरान

Quran In Braille Font: जब किसी शख़्स में कोई कमी होती है तो वो उस कमी को अपने ऊपर हावी कर लेता है, लेकिन इस बात को मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली राबिया ख़ान ने ग़लत साबित कर दिया है.  जन्म के समय से ही राबिया की आंखो की रोशनी नहीं थी लेकिन उन्होंने अपनी इस कमज़ोरी को अपनी ताक़त बनाते हुए एक नया रिकार्ड दर्ज किया. अपने जीवन के अंधेरे से लड़ते हुए राबिया ने ब्रेल में क़ुरान लिखा. इंदौर के छावनी इलाक़े में रहने वाली राबिया ख़ान पैदाइशी तौर पर ही आंखों की रोशनी से महरूम हैं, लेकिन उन्होंने अपनी इस कमज़ोरी के बावजूद ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि हर कोई हैरान है. 

मदरसा चला रहीं हैं राबिया
राबिया ख़ान से बताया कि जन्म से ही उनकी आंखों की रौशनी नहीं है. वो ब्रेल लिपि में क़ुरान पढ़ाने के लिए एक मदरसा चला रहीं हैं. राबिया ने बताया कि क़ुरान शरीफ़ जो इस्लाम मज़हब की मुक़द्दस मज़हबी किताब है, वह सिर्फ अरबी भाषा में ही होती है. जिसे उन्होंने अलीगढ़ जाकर पढ़ना सीखा और सीखने के बाद फिर इस शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपने जैसे बच्चों को ब्रेल लिपि में क़ुरान पढ़ाने के लिए उन्होंने एक मदरसे  का संचालन शुरू कर किया. राबिया ने बताया कि भारत में ब्रेल लिपि में क़ुरान पाक मौजूद नहीं था.  राबिया ने ब्रेल लिपि में क़ुरान लिखने का सिलसिला 2009 से शुरू किया था.

लोगों के लिए बनीं प्रेरणा
राबिया ख़ान, भारत में सभी दृष्टिहीन लोगों के लिए कु़रान पढ़ना संभव बनाना चाहती थी और अपने इसी सपने को लेकर वो आगे बढ़ी और कामयाब हुईं. राबिया खान का दृष्टि दोष कभी उसके मक़सद के आड़े नहीं आ सका. राबिया ने अरबी ब्रेल में क़ुरान के 10 पैराग्राफ संकलित करने के लिए कई वर्षों तक सख़्त मेहनत की. दरअसल क़ुरान का अध्ययन करने की कोशिश के दौरान राबिया को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. वो ऐसा नहीं चाहती थी कि उन जैसे लोगों को इस तरह की परेशानी का सामना करना पढ़े.बता दें कि ब्रेल एक लेखन प्रणाली है जो नेत्रहीनों को पढ़ने में उनकी सहायता करती है. इस प्रणाली में काग़ज़ पर उभरे हुए बिंदुओं का उपयोग किया जाता है.

Watch Live TV

Trending news