MP News: अब थाने में नहीं बनेगा मंदिर, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने लागई रोक; जानें पूरा मामला
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2501902

MP News: अब थाने में नहीं बनेगा मंदिर, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने लागई रोक; जानें पूरा मामला

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के कई थानों में मंदिर का निर्माण किया जा रहा था. अब हाईकोर्ट ने इस निर्माण पर रोक लगा दी है. पूरा मामला जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें...

MP News: अब थाने में नहीं बनेगा मंदिर, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने लागई रोक; जानें पूरा मामला

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आज यानी 5 नवंबर को सभी थाना परिसरों में बन रहे मंदिरों के निर्माण पर रोक लगा दी. इस मामले को लेकर एक सरकारी कर्मी और अधिवक्ता ओम प्रकाश यादव ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसमें सभी थाना कैंपस में बन रहे मंदिरों पर रोक लगाने की मांग की गई थी.

अब कब होगी सुनवाई
इस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने राज्य के सभी थानों में बन रहे मंदिरों पर रोक लगा दी है. अब इस पर 19 नवंबर को सुनवाई होगी. इसके अलावा, कोर्ट ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह विभाग, नगरीय प्रशासन, डीजीपी मध्यप्रदेश, कलेक्टर जबलपुर और पुलिस अधीक्षक जबलपुर सहित जिले के चार पुलिस थाना जिसमें सिविल लाइंस, विजय नगर, मदन महल और लार्डगंज को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट पहले से ही सार्वजनिक स्थलों पर मंदिरों के निर्माण पर रोक लगाने का आदेश दे चुकी है. इसके बावजूद कई थानों में मंदिरों का निर्माण हो रहा है. याचिका में उन सभी थानों की तस्वीरें भी शामिल की गई हैं, जहां मंदिरों का निर्माण मौजूदा समय में किया जा रहा है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता सतीश वर्मा, अमित पटेल और ग्रीष्म जैन ने अपना पक्ष रखा.

याचिकाकर्ता ने क्या कहा?
इस पर याचिकाकर्ता के वकील सतीश वर्मा का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, “आज एक याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने मध्यप्रदेश के सभी थानों में अवैध रूप से बने धार्मिक स्थलों के निर्माण को लेकर गंभीर नोटिस जारी किया है. याचिकाकर्ता ने इल्जाम लगाया है कि प्रदेश के सभी थानों में खासकर थानों के परिसर में अवैध रूप से धार्मिक स्थल, विशेषकर मंदिर, बनाए जा रहे हैं, जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है.

सार्वजनिक स्थल पर नहीं बनाया जा सकता है मंदिर- सुप्रीम कोर्ट
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने लगभग 20 साल पहले स्पष्ट रूप से आदेश दिए थे कि सार्वजनिक स्थानों, विशेष रूप से कार्यालयों और सार्वजनिक सड़कों पर धार्मिक स्थलों का निर्माण नहीं किया जा सकता है. इसके तहत राज्य सरकार के सभी मुख्य सचिवों को निर्देशित किया गया था कि कलेक्टरों के माध्यम से इस आदेश का पालन सुनिश्चित करें. इसके बाद भी, याचिकाकर्ता ने यह इल्जाम लगाया कि राज्य के कलेक्टर, जिला मजिस्ट्रेट और आरएसपी अधिकारियों को इस निर्माण कार्य के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन, किसी भी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई और निर्माण कार्य चलता रहा.

क्या सभी थानों से हटाए जाएंगे मंदिर
उन्होंने कहा, “कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जो धार्मिक स्थल पहले से इन थानों में बने हुए हैं, उनके संबंध में एक स्पष्ट स्थिति रिपोर्ट पेश की जाए और यदि कोई निर्माण कार्य चल रहा है या छत डालने का काम जारी है, तो उस पर तत्काल रोक लगाई जाए. कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि इन अवैध निर्माणों को जल्द से जल्द हटाया जाए और जो नए निर्माणाधीन धार्मिक स्थल हैं, उन पर पूर्ण रोक लगाई जाए.”

Trending news