द्रमुक ने तमिलनाडु में कांग्रेस को दीं सात सीटें, पंजाब में AAP-INC आपसी सहमति से अकेले लड़ेंगी चुनाव
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द्रमुक ने तमिलनाडु में कांग्रेस को दीं सात सीटें, पंजाब में AAP-INC आपसी सहमति से अकेले लड़ेंगी चुनाव

Lok Sabha Eletion 2024: तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रमुक पार्टी कांग्रेस को 7 लोकसभा सीटें देने पर सहमत हो गई है. जबकि पंजाब में आप-कांग्रेस ने आपसी सहमति से अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है.  

द्रमुक ने तमिलनाडु में कांग्रेस को दीं सात सीटें,  पंजाब में AAP-INC आपसी सहमति से अकेले लड़ेंगी चुनाव

Lok Sabha Eletion 2024:​ कांग्रेस को आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले लगातार झटके पर झटके लग रहे हैं. वहीं, अब कांग्रेस के लिए तमिलनाडु से राहत भरी खबर आई है. तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रमुक पार्टी कांग्रेस को 7 लोकसभा सीटें देने पर सहमत हो गई है. हालांकि,  कांग्रेस ने राज्य में 16 सीटों की मांग की थी.

बता दें कि कांग्रेस ने साल 2019 के चुनाव में द्रमुक की अगुआई वाली 'सेक्युलर प्रोग्रेसिव अलायंस' (SPA) में गठबंधन सहयोगी बनकर 9 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था. जिसमें से कांग्रेस को 8 सीटों पर कामयाबी मिली थी. जबकि थेनी लोकसभा सीट हार गई थी. इस सीट से अन्नाद्रमुक के ओ.पी. रवींद्रनाथन ने कांग्रेस नेता ई.वी.के.एस. इलांगोवन को हराया था.

सूत्रों के ने बाताया कि कांग्रेस के कैंडिडेट्स की लिस्ट बहुत बड़ी थी और टी.आर. बालू की अगुआई वाली द्रमुक टीम ने कांग्रेस नेतृत्व को बताया कि वह 7 से ज्यादा सीटें देने पर विचार नहीं कर सकती है. 

स्टेट यूनिट को अभी भी है ये उम्मीद
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस की स्टेट यूनिट उम्मीद कर रहा है कि कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी और राहुल गांधी हस्तक्षेप करेंगे और द्रमुक चीफ से पार्टी को कुछ और सीटें देने के लिए कहेंगे.
वहीं, द्रमुक के एक सीनियर नेता ने बताया कि करीब सभी संसदीय इलाकों में कांग्रेस की ताकत बहुत कम है और उन्हें मिली सात सीटें भी ज्यादा हैं.

 पंजाब में आप-कांग्रेस अकेले लड़ेगी चुनाव 
दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में आप-कांग्रेस ने आपसी सहमति से अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. साथ ही उन्होंने विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं होने की अफवाहों को खारिज कर दिया.  सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि पंजाब में लोकसभा चुनाव अकेले-अकेले लड़ने का आप और कांग्रेस का फैसला 'परस्पर सहमति' से लिया गया था और उनके बीच कोई मतभेद नहीं हैं.

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