MP Politics: आम चुनाव 2024 से पहले नेताओं का पार्टी बदलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस कड़ी में सोमवार को एमपी कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है. दरअसल, पूर्व सीएम कमलनाथ के करीबी कहे जाने वाले बड़ मुस्लिम नेता सैयद जाफर ने बीजेपी का दामन थाम लिया है.
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Syed Jafar Joined BJP: लोकसभा इलेक्शन से पहले कांग्रेस का 'हाथ' छोड़ने का सिलसिला जारी है. इस कड़ी में मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के सीनियर लीडर कमल नाथ को बड़ा झटका लगा है. उनके करीबी और कांग्रेस के मीडिया डिपार्टमेंट के पूर्व उपाध्यक्ष और मौजूदा तर्जुमान सैयद जाफर समेत छिंदवाड़ा के कई वर्कर्स ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. बीजेपी में शामिल होने वाले इन नेताओं ने पार्टी की रुकनियत हासिल की. बीजेपी के रियासती दफ्तर में आयोजित एक प्रोग्राम के दौरान सैयद जाफर ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, सीएम डॉ मोहन यादव की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. सैयद जाफर का शुमार सीएम कमलनाथ के करीबियों में किया जाता है और वह बीते कुछ दिनों से बीजेपी की पॉलिसियों की हिमायत करते नजर आ रहे थे.
सैयद जाफर के साथ छिंदवाड़ा इलाके के कई पदाधिकारी और लीडरों ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. इसके अलावा कई अन्य इलाकों के कांग्रेस पदाधिकारी और वर्कर्स बीजेपी में शामिल हो गए हैं. बीजेपी में शामिल होने वाले इन लीडरों को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, रियासती बीजेपी सद्र वीडी शर्मा और नरोत्तम मिश्रा ने पार्टी की रूक्नियत दिलाई. इस मौके पर तमाम लीडरान का इस्तकबाल किया गया. सैयद जाफर ने सोमवार को भोपाल में मौजूद रियासती दफ्तर में बीजेपी का दामन थाम लिया. इससे पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल को चैंज करते हुए लिखा, पुरानी यादें.
बता दें कि, पिछले साल नवंबर में हुए असेंबली इलेक्शन के दौरान, सैद जाफर कमल नाथ की अध्यक्षता में न तो उनके आवास और न ही भोपाल में कांग्रेस मुख्यालय और छिंदवाड़ा में बैठकों में उपस्थित रहे थे. इस चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई और बीजेपी को कामयाबी मिली. मध्य प्रदेश कांग्रेस के एक्स मीडिया पैनलिस्ट सैयद जफर को छिंदवाड़ा जिले में मुस्लिम तबके का कद्दावर और बड़ा चेहरा माना जाता है. उन्होंने अभी हाल ही में CAA की खुलकर हिमायत की थी. उनका कहना था कि सीएए को लेकर मुस्लिम लीग और सीएम केजरीवाल गलतफहमी फैला रहे हैं.जबकि हकीकत तो यह है कि इस कानून से भारतीय मुस्लिम का कोई नुकसान नहीं होने वाला है