बस कुछ घंटे और…चुनाव की तारीखों का हो जाएगा ऐलान; यूपी में इतने चरणों में होगा मतदान
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बस कुछ घंटे और…चुनाव की तारीखों का हो जाएगा ऐलान; यूपी में इतने चरणों में होगा मतदान

Lok Sabha Chunav 2024 Date: आज इलेक्शन कमीशन लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर सकता है. इससे पहले हम बता रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में सीटों का गणित क्या है.

बस कुछ घंटे और…चुनाव की तारीखों का हो जाएगा ऐलान; यूपी में इतने चरणों में होगा मतदान

Lok Sabha Chunav 2024 Date:  लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान आज होने जा रहा है. उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाला राज्य है. साल 2019 में यहां सात चरणों में चुनाव हुए थे. यहां पिछली बार समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और रालोद ने मिलकर चुनाव लड़ा था. लेकिन इस बार माहौल अलग है. समाजवादी पार्टी व कांग्रेस इंडिया गठबंधन के साथ चुनावी मैदान में हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी के साथ अपना दल (एस), सुभासपा, निषाद पार्टी और रालोद हैं.

मैदान में 51 उम्मीदवार
इस बार भारतीय जनता पार्टी पार्टी ने मोदी की गारंटी पर विश्वास करते हुए अब तक उत्तर प्रदेश में 51 उम्मीदवार घोषित कर दिया है. इनमें सिर्फ 4 चेहरे नए हैं. बाकी सभी पुराने चेहरों पर भरोसा किया है. इनमें बाराबंकी सीट के प्रत्याशी उपेंद्र रावत ने एक वीडियो वायरल होने के चलते अपना टिकट वापस कर दिया है. सहयोगी पार्टी रालोद ने बिजनौर से चंदन चौहान और बागपत से राजकुमार सांगवान को मैदान में उतारा है.

भाजपा को यूपी में मिली सीटें
इस दौरान भारतीय जनता पार्टी ने दो चरणों का चुनाव प्रचार पूरा कर लिया है. भाजपा की सहयोगी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने घोसी लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है. इस सीट पर डॉ. अरविंद राजभर को उम्मीदवार बनाया गया है, जो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के बेटे हैं. सीनियर राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि 2014 व 2019 में भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें उ.प्र. से मिलीं थीं. 2024 में भाजपा के नेता यूपी में सभी 80 सीटों का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. लेकिन विपक्ष भी गठबंधन के तहत अखाड़े में भाजपा का रास्ता रोकने की तैयारी कर रहा है.

भाजपा को मिली 62 सीटें
गौरतलब है कि साल 2019 में उत्तर प्रदेश में भाजपा को 62 संसदीय सीटों पर कमल खिलाने में कामयाबी मिली थी. भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस) को दो सीटें मिली थी. सपा-बसपा गठबंधन कोई खास करिश्मा नहीं दिखा पाया था. बसपा के खाते में जहां 10 सीटें आई थीं, वहीं सपा पांच पर सिमट गई थी. बाद में हुए उपचुनाव में भाजपा ने रामपुर और आजमगढ़ की सीट सपा से छीन ली.

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