'बजरंग दल' पर प्रतिबंध लगे या न लगे, फिर निशाने पर आए मुसलमान; 22 साल बाद...
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'बजरंग दल' पर प्रतिबंध लगे या न लगे, फिर निशाने पर आए मुसलमान; 22 साल बाद...

 Bajrang Dal banned or not Muslims come under attack : कर्नाटक चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव के बाद लगभग 22 साल पहले बैन हो चुके सिमी जैसे संगठनों के खिलाफ भाजपा 15 जून से देश भर में अभियान चलाएगी. 

अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दकी

नई दिल्लीः कर्नाटक विधान सभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा इस बात की घोषणा के बाद बवाल मच गया है कि अगर कांग्रेस राज्य के सत्ता में आती है तो वह बजरंग दल, पीएफआई जैसे किसी भी अतिवादी संगठन को प्रतिबंधित कर देगी. कांग्रेस की इस घोषणा के बाद भाजपा सहित तमाम हिंदूवादी संगठन कांग्रेस पर हमलावर हो गई है, और इसे बजरंगबली और हिंदू देवता का अपमान बता रहे हैं. वहीं, बुधवार को इसे बड़ा मुद्दा बनाने की मुहिम में जुटी भाजपा ने अब पीएफआई के खिलाफ देशभर में अभियान चलाने का फैसला किया है. पार्टी ने कहा है कि पीएफआई और इस जैसे अन्य संगठनों के खिलाफ देशभर में खासतौर पर मुस्लिम बहुल इलाकों में लोगों के बीच जाकर इन संगठनों और कांग्रेस की मंशा की पोल खोलने के लिए अल्पसंख्यक मोर्चा को आगे किया जाएगा. भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा 15 जून से मुल्कगीर सतह पर मुस्लिम इलाकों में पीएफआई और सिमी जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ मुहिम चलाएगा. वहीं, कांग्रेस ने पार्टी के इस फैसले का मजाक उड़ाते हुए कहा है कि जिस संगठन को भाजपा की सरकार 22 साल पहले बंद कर चुकी है, उसके खिलाफ मुहिम चलाएगी.  

मुस्लिम समाज भी हुआ है आहत 
इस मामले में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दकी ने कहा, "बजरंग दल और पीएफआई की तुलना करना ठीक नहीं है. बजरंग दल एक राष्ट्रवादी संगठन है, जो राष्ट्र के लिए और मुल्क के युवाओं को आगे ले जाने के लिए काम कर रहा है, जबकि पाकिस्तान की तरफ झुकाव रखने वाली पीएफआई एक आतंकवादी संगठन है, जो मुल्क के टुकड़े करना चाहती है. इन दोनों संगठनों की कोई तुलना नहीं की जा सकती है, और इस तरह की तुलना करना शर्मनाक है." जमाल सिद्दकी ने आगे कहा,  "कांग्रेस द्वारा की गई इस तुलना से मुल्क के हिंदू समाज के साथ-साथ मुस्लिम समाज भी आहत हुआ है, और आने वाले चुनाव में कांग्रेस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा."  

इनकी हरकतों से कौम की बदनामी होती है 
जमाल सिद्दकी ने आगे कहा, "भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा हमेशा आतंकवादी संगठनों के खिलाफ रहा है, क्योंकि इनकी हरकतों की वजह से देश में अल्पसंख्यक समाज की बदनामी होती है. पूरे कौम और इस्लाम की बदनामी होती है. इसलिए मोर्चा ने यह तय किया है कि पीएफआई, सिमी और इन जैसे अन्य आतंकवादी संगठनों को चिन्हित कर इनका सच देश की जनता के सामने लाने के लिए, 15 जून से देशभर में मुहिम चलाई जाएगी. उन्होंने कहा कि मोर्चे की कोशिश होगी कि इस मुहिम के जरिए इन संगठनों की सच्चाई से लोगों को रूबरू कराया जाए और इस जैसे संगठनों पर सरकार से बैन लगाने की भी मांग की जाए."  

बजरंगबली और बजरंग दल के बीच क्या संबंध है : शिवकुमार
कांग्रेस ने भाजपा के इस फैसले का मजाक उड़ाते हुए कहा है कि पार्टी को ही खुद नहीं मालूम है कि इन संगठनों को उसी की सरकार प्रतिबंधित कर चुकी है. सिमी पर साल 2001 में ही अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था. आज इस संगठन का देश में कोई नाम ओ निशान तक नहीं है. वहीं पिछले साल केंद्र सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था. कांगेस ने आगे चुटकी लेते हुए कहा है कि भाजपा बताए कि बजरंग बली और बजरंग दल का आपस में क्या संबंध है? कांग्रेस ने इस संगठन को आपराधिक चरित्र के लोगों का संगठन बताया है. कर्नाटक इकाई के कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने अपनी पार्टी के घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के वादे पर उठे विवाद को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए बुधवार को कहा कि वह भी भगवान हनुमान के भक्त हैं, लेकिन भाजपा बताए कि बजरंगबली और बजरंग दल के बीच क्या संबंध है’."

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