Karnatka News: जिसने पीठ में घोंपा था कभी छूरा, उसी की गोद में जा बैठी JDS
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Karnatka News: जिसने पीठ में घोंपा था कभी छूरा, उसी की गोद में जा बैठी JDS

Karnatka News: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले NDA में कर्नाटक की जनता दल सेक्युलर (JDS) शामिल हो गई है. JDS कर्नाटक की तीसरे नंबर की पार्टी है.

Karnatka News: जिसने पीठ में घोंपा था कभी छूरा, उसी की गोद में जा बैठी JDS

Karnatka News: भाजपा को एक और नया साथी मिल गया है. आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले NDA में कर्नाटक की जनता दल सेक्युलर (JDS) शामिल हो गई है. JDS कर्नाटक की तीसरे नंबर की पार्टी है. आज यानी 22 सितंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से   JDS नेता और पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने मुलाकत की थी. इस मुलाकात के बाद यह फैसला लिया गया है. दोनों नेताओं के मुलाकात के दौरान बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा और गौवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी मौजूद थे. 

बीजेपी चीफ जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ''कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी से गृहमंत्री अमित शाह की मौजदूगी में मुलाकात की. मुझे ये बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि JDS ने NDA में शामिल होने का फैसला लिया है.'' 

गौरतलब है कि साल 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 104 सीटें जीतकर भाजपा नंबर वन पार्टी बनी, लेकिन बहुमत के लिए 9 सीटों की दरकार थी. वहीं कांग्रेस ने 78 सीटें और जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी. अब सबकी निगाहे तत्कालीन राज्यपाल पर टिकी थी. बीजेपी के पास बहुमत न होने के बाद भी राज्यपाल ने सीट के लिहाज से प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दे दिया था. भाजपा नेता येदियुरप्पा ने सीएम पद की शपथ भी ले ली, लेकिन सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाए, क्योंकि बहुमत के लिए 113 वोट चाहिए थे. 

येदुरप्पा को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद जेडीएस और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बना ली.  इसके बाद जेडीएस और कांग्रेस के विधायक नाराज हो गए, क्योंकि उनको मंत्रीमंडल में जगह नहीं दी गई थी. नाराज विधायकों ने बीजेपी के साथ जाने की बात कही. हालांकि, तत्कालीन सीएम ने मंत्रीमंडल का विस्तार कर मामले को सुलझा लिया. इस बीच कांग्रेस के दो विधायक गठबंधन सरकार के खिलाफ खुलकर बोलने लगे. सितंबर 2018 में एक खबर आई की भाजपा ऑपरेशन लोट्स चला रही है. इस बीच जेडीएस और कांग्रेस ने भाजपा पर खरीद-फरोख्त के जरिए सरकार गिराने का इल्जाम लगाया. 

साल फरवरी 2019 में कर्नाटक का सियासी ड्रामा अपने चरम पर पहुंच गया. जब जेडीएस 1 और कांग्रेस के 7 विधायकों ने विधानसभा सेशन में हिस्सा नहीं लिया था, तब कांग्रेस ने विधायकों का अपहरण करने का इल्जाम लगाया था. जुलाई 2019 में जेडीएस के 12 विधायक ने इस्तीफा दे दिया था. इन विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकत कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी. इसके बाद सभी विधायक प्लेन से मुंबई पहुंच गए. इसके बाद बागी विधायकों को एचडी कुमारस्वामी ने मानाने की भरसक कोशिश की. इसके साथ ही कांग्रेस के 21 विधायकों ने 8 जुलाई को इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद एचडी कुमारस्वामी को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा और राज्य में फिर से येदुरप्पा के अगुआई में सरकार बनी.

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