गोड्डा में सात मौतों के बाद जागा प्रशासन, 100 से ज्यादा बच्चे ब्रेन और पीवी मलेरिया से हैं पीड़ित
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1975499

गोड्डा में सात मौतों के बाद जागा प्रशासन, 100 से ज्यादा बच्चे ब्रेन और पीवी मलेरिया से हैं पीड़ित

Godda News: झारखंड के गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी ब्लॉक के छह गांवों को ब्रेन मलेरिया और प्लाज्मोडियम मलेरिया ने अपने कब्जे में ले लिया है. 100 से ज्यादा पहाड़िया आदिम जनजाति कम्युनिटी के बच्चे इन बीमारियों से पीड़ित हैं.

गोड्डा में सात मौतों के बाद जागा प्रशासन, 100 से ज्यादा बच्चे ब्रेन और पीवी मलेरिया से हैं पीड़ित

Jharkhand News: झारखंड के गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी ब्लॉक के छह गांवों को ब्रेन मलेरिया और प्लाज्मोडियम मलेरिया ने अपने कब्जे में ले लिया है. इन गांवों में  100 से ज्यादा बच्चे इन बीमारियों से संक्रमित हैं. सभी बच्चे पहाड़िया आदिम जनजाति कम्युनिटी के हैं. इन बीमारी से एक हफ्ते में सात बच्चों की मौत हो गई है, जबकि बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित हैं. इसकी खबर जैसे ही स्वास्थ्य विभाग को दी गई उन्होंने संक्रमितों की सघन जांच करवाई.

संथाल परगना के कमिश्नर और जिले के डिप्टी कमिश्नर ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति की जानकारी ली. यह इलाका सीएम हेमंत सोरेन के निर्वाचन क्षेत्र बरहेट के तहत आता है. अब प्रशासन ने बुधवार और गुरुवार को प्रखंड के 16 गांवों में बीमारी के मास सर्वे के लिए कैंप लगाया गया है. मुतासिर बच्चों को दवाइयां, मेडिकेटेड मच्छरदानी और मेडिकल किट दिए जा रहे हैं.

सर्वे  के लिए टोटल 15 मेडिकल टीमों का गठन किया गया है. जबकि पहले दिन के जांच में इन गांवों में लगाए गए कैंपों में टोटल 233 पेशेंट्स की जांच की गई. जिनमें से 88 ब्रेन मलेरिया से संक्रमित पाए गए बच्चों की पुष्टि हुई, वहीं आठ बच्चों में पीवी (प्लाज्मोडियम) मलेरिया के लक्षण पाए गए हैं. जबकि दूसरे दिन की जांच में भी कई मरीजों की पहचान की गई.

तंजीम की खबर के मुताबिक जोलो और बैरागो गांव में 14 नवंबर से 21 नवंबर तक पांच बच्चों की मौत हुई है, जबकि डांडो और सारमी में भी दो बच्चों की जान इसी बीमारी से चली गई है. सभी मरने वाले बच्चों की उम्र 10 साल से कम थी. सबसे ज्यादा संक्रमित बच्चों में जोलो, बैरागो, सारमी, सिदलेर, डांडो, तिलयपाड़ा समेत कई गांवों में पाए गए हैं.

बताया गया है कि पेशेंट्स की उम्र के हिसाब के मुताबिक बच्चों के साथ-साथ बड़ों को मलेरिया रोधी दवाएं भी दी गईं. जिनमें मलेरिया के लक्षण नहीं मिले उन्हें भी प्रोफाइलैक्सिस दवाएं दी गईं हैं. मलेरिया प्रभावित लोगों को पौष्टिक आहार के लिए सीएम हेल्थ सहायता स्कीम के तहत माली मदद दी जा रही है.

Trending news