Nuh Violence: मेवात के नूंह से शुरू हुए दंगे की आंच दिल्ली और राजस्थान तक पहुंच रही है. ऐसे में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की एक टीम ने दंगा पीड़ितों से मुलाकात की है.
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Nuh Violence: मेवात दंगों को लेकर जमीअतुल उलमा-ए-हिंद ने अपना एक डेलिगेशन मेवात भेजा था, जो आज वापस आ गया है. मौलाना हकीमुद्दीन कासमी की रहनुमाई में जमीअत उलमा-ए-हिंद का डेलिगेशन हरियाणा के आला अफसरों से मिला. मौके का मुआयना किया. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के जनरल सेक्रेटरी मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी ने बताया कि हमारा एक डेलिगेशन मेवात गया था, जिसने सभी जगहों का जायजा लिया है. साथ ही साथ हरियाणा और मेवात के आला अधिकारियों से भी मुलाकात की है. मेवात में और हरियाणा के अलग-अलग जिलों में जिस तरीके से घरों और दुकानों को जलाया गया इसको लेकर सही तरीके से जांच की जाए. जो गुनहगार हैं उनको सख्त से सख्त सजा दी जाए.
इमाम की लाश को घर पहुंचाया
वहीं दूसरी तरफ गुरुग्राम के सेक्टर-57 की मस्जिद के इमाम को जिस तरीके से बेरहमी से कत्ल किया गया. उस पर सरकार और आला अधिकारियों से भी बातचीत की है. अधिकारियों की तरफ से यह आश्वासन दिया गया है कि हम जल्द से जल्द आरोपियों को सजा दिलाएंगे. जामा मस्जिद के नायाब इमाम मौलाना साद की मौत के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद का पूरा डेलिगेशन अस्पताल से उनकी डेड बॉडी को लेकर उनके परिवार वालों को सुपुर्द करने तक साथ रहा और बिहार के सीतामढ़ी भेजने तक का इंतजाम जमीअत उलमा-ए-हिंद की टीम ने किया.
आरोपियों के खिलाफ हो कार्रवाई
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की टीम ने गुरुग्राम की कमिश्नर से मुलाकात की और कहा कि जितने भी दंगों के आरोपी हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. प्रशासन की तरफ से यह अपील की जाए कि जो अफवाह फैल रही हैं जो पलायन हो रहा है, वह ना हो सके. उनका कहना है कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि अपने शाहरियों की हिफाजत किस तरह की जाए. जमीयत का कहना है कि "यह पूरा मामला पूरी तरीके से प्रायोजित लग रहा है, प्लान करके किया गया है, क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता तो 2 दिन पहले जिस तरीके से मोनू मानेसर नाम के एक आरोपी ने वीडियो डालकर यात्रा का आह्वान किया था. उससे पुलिस को संज्ञान लेना चाहिए था. मगर सरकार और प्रशासन ने उस पर ध्यान ना दिया. जिसकी वजह से यह बड़ा बवाल मेवात में हुआ है."
नूह से शुरू हुई जमात
जमीयत के मुताबिक "मेवात हिंदुस्तान की वह जमीन है जहां से तबलीगी जमात की शुरुआत हुई थी. यह जमीन हमेशा से अमन पसंद रही है. भाईचारे के साथ यहां पर सभी हिंदू मुसलमान रहते चले आ रहे हैं. यह वादा हो चुका है कि जो दंगे हुए हैं वह बाहरी लोगों ने आकर किया है. मेवात के लोग कभी भी इस तरह की हरकत नहीं कर सकते. इससे नुकसान किसी एक मजहब के लोग का नहीं है, पूरे हिंदुस्तान का है."
वहीं दूसरी तरफ मौलाना अमीनुद्दीन कासमी ने बताया कि इन दंगों में जितने भी लोग मुतासिर हुए हैं. उन सभी को जो हमारे पास आएगा उनको लीगल सहायता भी दी जाएगी.
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