इटली की पीएम जियोर्जिया का विवादित बयान, शरिया कानून पर कही ये बात
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इटली की पीएम जियोर्जिया का विवादित बयान, शरिया कानून पर कही ये बात

इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी के एक कार्यक्रम में भाग लिया. इस कार्यक्रम में ऋषि सुनक और एलन मस्क भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने बड़ा बयान दे दिया.

इटली की पीएम जियोर्जिया का विवादित बयान, शरिया कानून पर कही ये बात

इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने इस्लाम पर बड़ा बयान दिया है. पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने कहा यूरोप में इस्लाम को बढ़ावा दिया जा रहा है. जॉर्जिया मेलोनी इस्लामिक संस्कृति का मजाक उड़ाया और कहा कि यूरोप में इसके लिए कोई जगह नहीं है. उन्होन सऊदी अरब पर भी कोई  गंभीर आरोप लगाए.

जॉर्जिया मेलोनी ने सऊदी अरब को लेकर कही बड़ी बात
मेलोनी ने सऊदी अरब पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है इटली में इस्लाम को बढ़ावा देने के लिए अरब के जरिए फंड दिया जाता है. जहां शरिया कानून लागू है और शरिया का मतलब है  मजहब को छोड़ने पर मौत की सजा, समलैंगिकता के लिए भी मौत. इटली के प्रधानमंत्री द्वारा रोम में अपनी पार्टी- ब्रदर्स ऑफ़ इटली- के जरिए आयोजित एक राजनीतिक उत्सव की मेजबानी करने के बाद ये बात कही. जॉर्जिया मेलोनी साल 2008 में प्रधानमंत्री बनीं, तब उनकी उम्र मात्र 31 साल थी. जॉर्जिया मेलोनी इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री है.

शरणार्थियों को सुनक ने बताया खतरा 
इस राजनीतिक उत्सव में ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने हिस्सा लिया था. इस दौरान सुनक ने अपने भाषण में कहा कि वह शरणार्थी सिस्टम में ग्लोबर रिफॉर्म  पर जोर देंगे. अपने भाषण में, ऋषि सुनक ने कहाअगर यूरोप में शरणार्थियों समस्या से निपटने का प्रयास नहीं किया गया तो इनकी संख्या बढ़ती ही जाएगी और ये भी चेतावनी दी कि शरणार्थियों की बढ़ती संख्या से खतरा है, जो यूरोप में असर डाल सकता है. 

शरणार्थी पर ऋषि सुनक ने कही बड़ी बात
ऋषि सुनक ने आगे कहा कि अगर हम इस समस्या से नहीं निपटते हैं, तो संख्या और बढ़ेगी. यह हमारे देशों और उन लोगों की मदद करने की क्षमता पर असर डालेगी, और इसके लिए अगर हमें अपने कानूनों में बदलाव करने की जरूरत है हुई तो वो भी किया जाएगा. गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में एक्स के मालिक एलन मस्क भी शामिल हुए थे, इस दौरान उन्होंने शरणार्थी समस्या को लेकर कहा कि हम नहीं चाहते कि इटली एक संस्कृति के रूप में गायब हो जाए.हम इन देशों की सांस्कृतिक पहचान बनाए रखना चाहते हैं.

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