इजरायली हमले में हिज़्बुल्लाह लड़ाके की मौत, इस तारीख से जारी है लेबनान में संघर्ष
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2003241

इजरायली हमले में हिज़्बुल्लाह लड़ाके की मौत, इस तारीख से जारी है लेबनान में संघर्ष

इजरायल-हमास के दरमियान संघर्ष में लेबनानी संगठन हिजबुल्ला भी आ गया है. हाल ही में इजरायली सेना ने हिजबुल्ला के एक और लड़ाके को मारने का दावा किया है.

इजरायली हमले में हिज़्बुल्लाह लड़ाके की मौत, इस तारीख से जारी है लेबनान में संघर्ष

लेबनान के एक सैन्य सूत्र ने बताया कि दक्षिणी लेबनान के सीमावर्ती इलाकों में इजरायली हमलों में एक हिजबुल्लाह आतंकी मारा गया. समाचार एजेंसी श‍िन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, नाम न छापने की शर्त पर सूत्र ने शनिवार को कहा कि ऐता अल-शाब गांव पर इजरायली हवाई हमले में हिजबुल्लाह आतंकी की मौत हो गई. सूत्र के अनुसार, इजरायली युद्धक विमानों और ड्रोनों ने सीमावर्ती इलाकों में घरों और जंगलों को निशाना बनाकर छह हवाई हमले किए, इसमें छह घर नष्ट हो गए और 15 अन्य क्षतिग्रस्त हो गए.

हिजबुल्ला ने किए 10 हमले
इस बीच, हिजबुल्लाह की सैन्य शाखा इस्लामिक रेजिस्टेंस ने कहा कि उसके लड़ाकों ने 10 इजरायली स्थलों पर 10 हमले किए, इसमें एक की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया. 
इज़राइली मीडिया ने बताया कि लेबनान के साथ देश की सीमा पर तीन सैनिक घायल हो गए और उन्हें हेलीकॉप्टर द्वारा उत्तरी इज़रायली बंदरगाह शहर हाइफ़ा के रामबाम अस्पताल ले जाया गया. इससे एक दिन पहले भी इजरायली फायरिंग में हिजबुल्लाह के कुछ लड़ाके मारे गए थे.

8 अक्टूबर को बढ़ा तनाव
लेबनान-इज़रायल सीमा पर 8 अक्टूबर से तनाव बढ़ गया है, जब लेबनानी सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह ने 7 अक्टूबर को इज़राइल पर हमास के हमलों के समर्थन में शेबा फ़ार्म्स की ओर दर्जनों रॉकेट दागे, इसके जवाब में इज़रायली बलों ने दक्षिणपूर्वी लेबनान की ओर भारी गोलीबारी की. इजराइल-हमास युद्ध के कारण गाजा में मारे गए लोगों की संख्या 17,700 को पार कर गई है जिनमें करीब दो तिहाई संख्या महिलाओं और बच्चों की है. 

अमेरिका ने किया वीटो
इजराइल ने दक्षिणी गाजा पट्टी में शनिवार को हवाई हमले और गोलाबारी तेज कर दी. ये हमले अमेरिका द्वारा गाजा में मानवीय आधार पर तत्काल संघर्ष विराम की मांग करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल करने के एक दिन बाद हुए, जबकि इसे सुरक्षा परिषद के अधिकांश सदस्यों और कई अन्य देशों का समर्थन प्राप्त था. कुल 15 सदस्यीय परिषद में प्रस्ताव के पक्ष में 13 और विरोध में एक मत पड़ा जबकि ब्रिटेन अनुपस्थित रहा.

Trending news