इस्लाम में जीते जी ये तीन काम करने से मरने के बाद भी मिलता रहता है सवाब
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इस्लाम में जीते जी ये तीन काम करने से मरने के बाद भी मिलता रहता है सवाब

Islamic Knowledge: इस्लाम में जिंदगी में तो अच्छा काम करने के बारे में बताया जाता है, साथ ही इस बात पर जोर दिया जाता है कि वह अपनी जिंदगी में ऐसे काम कर जाए कि मरने के बाद लोगों को उससे फायदा मिले और उसको सवाब मिले.

इस्लाम में जीते जी ये तीन काम करने से मरने के बाद भी मिलता रहता है सवाब

Islamic Knowledge: इस्लाम मुसलमानों को उनकी जिंदगी में अच्छे काम करने की नसीहत देता है. इस्लाम जोर देकर कहता है कि मुसलमान अपनी जिंदगी में हमेशा ऐसे काम करें जिससे उन्हें फायदा हो साथ-साथ समाज और उसके आस-पास रहने वालों को भी फायदा हो. इसके साथ ही इस्लाम इस पर भी जोर देता है कि इंसान अपनी जिंदगी में कुछ ऐसे काम कर जाए, जिससे उसके मरने के बाद लोगों को फायदा हो. इसके अलावा इस काम से उसे आखिरत में सवाब मिलता रहे. इस तरह के कामों को सदका-ए-जारिया कहा जाता है.

हदीस में तीन कामों का जिक्र

इसके बारे में हदीस में आता है कि "हजरत अबू हुरैरा (र.) से रिवायत है कि अल्लाह के रसूल (स.) ने फरमाया: जब इंसान मर जाता है तो उसके अमल करने का मौका खत्म हो जाता है. हां, तीन किस्म के अमल ऐसे हैं जिनका बदला मरने के बाद जारी रहता है. एक यह कि वह मरने से पहले सदक-ए-जारिया कर जाए. दूसरा यह कि ऐसा इल्म छोड़ जाए, जिससे लोग फायदा उठाएं. तीसरा शख्स की तालीम तर्बियत के नतीजे में उसकी औलाद नेक बने और उस आदमी के लिए दुआ करे." (हदीस: मुस्लिम)

नहर या सराय बनवाना

जिन कामों से मरने के बाद लोगों को फायदा पहुंचता है और उससे मरने वाले को सवाब पहुंचता है, उसमें बहुत सारे काम हैं. उसमें एक है नहर खुदवाना. नहर खुदवाने से कई किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल जाएगा. इससे उनकी मदद होगी. इसके बाद वह आपको दुआ देगा और आपको आखिरत में इसका बदला मिलेगा. इसके अलावा मुसाफिरों के लिए सराय बनवाना भी ऐसा काम है जो आपके मरने के बाद लोगों को काम आएगा. इससे उन मुसाफिरों के लिए जगह मिल जाएगी जो लोग बीमारी या किसी दूसरी वजह से एक जगह से दूसरी जगह जा रहे होंगे. इससे भी आपकी आखिरत बनेगी.

किताबें दान करना

इसके अलावा एक बड़ा काम रास्ते के किनारे पेड़ लगवाना है. इससे भी आपके मरने के बाद लोगों को फायदा मिलेगा. इससे रास्ते पर चलने वाले मुसाफिरों को धूम में छांव मिलेगी साथ ही यह वातावरण के लिए अच्छा होगा. इससे लोगों के मुंह से दुआ निकलेगी तो आप संवर जाएंगे. इसके अलावा आप किताबें दान कर सकते हैं. आपके मरने के बाद लोग आपकी दान की हुई किताबों से ज्ञान हासिल करेंगे और फायदा उठाएंगे. अगर आप किसी बच्चे की पढ़ाई के लिए फीस देते हैं, तो उसकी जिंदगी संवर जाएगी. जब तक वह शख्स कामयाब रहेगा आपको आखिरत में उसका सवाब पहुंचता रहेगा.

औलाद की अच्छी तरबियत

इक बड़ा काम और है जिसका सवाब आपको मरने के बाद मिलता रहेगा. अपनी औलाद को नेक और दीनदार बनाना. अगर आपने अपनी औलाद की अच्छी तरबियत की और उसे दीनदार और नेक बना दिया, तो वह जब तक अच्छे काम करती रहेगी, उसका सबाव आपको मरने के बाद भी पहुंचता रहेगा. इसलिए इस्लाम में जोर दिया जाता है कि आप अपनी औलाद की अच्छी परवरिश करें. इसका एक दूसरा पहलू यह भी है कि अगर आप अपने बच्चों की तालीम अच्छी नहीं करते हैं, और वह गलत रास्ते पत चला जाता है. तो उसका गुनाह भी आप पर ही पड़ेगा.

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