Muharram 2023: मुहर्रम की 10 तारीख को कर्बला की जंग में हजरत इमाम हुसैन की शहादत को लेकर याद किया जाता है, लेकिन इस तारीख को इस्लाम धर्म की कई अन्य घटनाएं भी हुई थी, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज है.
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मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना होता है. कुरान और हदीस में भी इस महीने की बड़ी अहमियत बताई गई है. इस माह की 10 तारीख को यौमे आशूरा होता है, इस दिन दुनियाभर के मुसलमान रोजा रखते हैं. इस्लामिक इतिहास में मुहर्रम की दसवीं तारीख का बड़ा महत्व है. इसी दिन हजरत ईमाम हुसैन अपने परिवार और 71 साथियों के साथ कर्बला की जंग में शहीद हो गए थे. यौमे आशूरा के दिन दुनियाभर के मुसलमान कर्बला की जंग में इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हैं और सत्य और न्याय पर चलने का संकल्प लेते हैं.
मुहर्रम की दसवीं तारीख को कर्बला की जंग के अलावा भी कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जो इस्लामी इतिहास में खास महत्व रख्ती है. आईये जानते हैं, इस दिन और कौन-कौन-सी घटनाएं घटी थी, जिसका जिक्र कुरान और हदीस में किया गया है;
1. मुहर्रम की दसवीं तारीख यानी आशूरा के दिन ही अल्लाह ने आसमान, ज़मीन और हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की रचना की थी. यानी इसी दिन इस धरती और दुनिया के पहले इंसान की रचना की गई थी. मुहर्रम की दसवीं तारीख को ही आदम की तौबा कुबूल की गई थी.
2. मुहर्रम की दसवीं तारीख को ही हज़रत इदरीस अलैहिस्सलाम को स्वर्ग पर उठा लिया गया.
3. दस मुहर्रम को ही हजरत नूह के जहाज़ को विनाशकारी और भयानक बाढ़ से बचाया गया और एक पर्वत पर लंगर डाला गया.
4. इसी दिन हजरत इब्राहीम ( अ.) को खलीलुल्लाह की उपाधि मिली और उन पर आग बरसाई गई.
5. इसी दिन हजरत इस्माइल अलैहिस्सलाम का जन्म हुआ था.
6. इसी दिन हज़रत यूसुफ़ (सल्लल्लाहु अलैहिसल्लाम) कैद से रिहा हुए थे और उन्हें मिस्र की हुकूमत मिली थी.
7. इसी दिन हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम और उनकी क़ौम बनी इस्राइल को फिरऔन के ज़ुल्म और सितम से निजात मिली थी.
8. इसी दिन, हजरत मूसा पर कुरान से पहले की किताब तौरेत नाज़िल हुई थी.
9. इसी दिन, हज़रत सुलेमन को सलतंनत हासिल हुआ था और इसी दिन हज़रत अय्यूब अलैहिस्सलाम एक गंभीर बीमारी से ठीक हुए थे.
10. मुहर्रम की 10वीं तारीख को ही हज़रत यूनुस अलैहिस्सलाम की क़ौम की तौबा कुबूल हुई थी और उन पर से अज़ाब टल गया था.
11. इसी दिन हजरत ईसा अलैहिस्सलाम का जन्म हुआ था और इसी दिन हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम को यहूदियों की बुराई से बचाया गया और उन्हें स्वर्ग पर उठा लिया गया था.
12. इसी दिन सउदी अगर में कुरैश के लोग काबा पर नया आवरण चढ़ाते थे.
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