देश के 9 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग करने वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. इससे पहले हम आपको बता रहे हैं कि याचिका में क्या मांग की गई और अदालत ने पिछली सुनवाई में क्या कहा था. इसके अलावा किन 9 राज्यों की बात की गई है यह भी बताएंगे. पढ़ें पूरी रिपोर्ट
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Hindu Minority: देश के 9 राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग करने वाली अर्जी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय, देवकीनंदन ठाकुर समेत कई अन्यों के ज़रिए दाखिल की गई अर्जी में कहा गया है कि कि 9 राज्यों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो चुके हैं, लेकिन फिर भी वो अपने पसंद के शैक्षणिक संस्थान नहीं खोल सकते हैं, जबकि संविधान अल्पसंख्यकों को ये हक देता है.
याचिका में क्या मांग की गई?
देवकीनंदन ठाकुर ने याचिका में मांग की गई थी कि हिंदुओं की गणना राज्य स्तर की बजाए जिला स्तर पर कराई जाए. याचिका में इसके अलावा यह भी मांग की गई है कि कई राज्यों-जिलों में हिंदुओं की कम आबादी के बावजूद उन्हें खास अधिकारों से महरूम रखने को संविधान के खिलाफ बताया. बल्कि होना यह चाहिए कि अल्पसंख्यक समुदाय को खास हक मिलें.
"कानून के उलट है जिला स्तर पर गणना"
हालांकि पहले हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिला स्तर पर गणना करना कानून के उलट होगा. इतना ही नहीं अदालत यह भी कहा था कि 11 जजों की बेंच पहले ही यह साफ तौर पर कह चुकी है कि इस मामले को स्टेट लेवल पर ही देखा जाना चाहिए ना कि डिस्ट्रिक्ट लेवल पर.
सुप्रीम कोर्ट ने मांगा ठोस सबूत
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि वह हिंदुओं के लिए माइनॉरिटी के दर्जे की मांग करने वाली याचिका पर की हवा में जायजा नहीं करेगा. अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह इस बारे में कोई ठोस मिसाल पेश करे कि हिंदुओं को उन राज्यों में अल्पसंख्यक का फायदा नहीं मिल रहा है जहां उनकी आबादी दूसरे समुदायों से कम है. अदालत ने जोर देकर कहा कि 'जब तक हमें ठोस सुबूत नहीं दिया जाता, तब तक हमें इससे नहीं निपटना.
किन राज्यों में है हिंदुओं की कम तादाद
अदालत में दाखिल की गई अर्ज़ी में उन 9 राज्यों का जिक्र किया गया हैं जहां पर हिंदुओं की तादाद बाकी समुदाय के लोगों से कम है. इसमें ना सिर्फ राज्य बल्कि केंद्र शासित प्रदेश में शामिल हैं.
राज्य |
हिंदुओं की आबादी |
लद्दाख | 1 फीसद |
मिजोरम | 2.8 फीसद |
लक्षद्वीप | 2.8 फीसद |
कश्मीर | 4 फीसद |
नगालैंड | 8.7 फीसद |
मेघालय | 11.5 फीसद |
अरुणाचल प्रदेश | 29 फीसद |
पंजाब | 38.5 फीसद |
मणिपुर | 41.3 फीसद |
कौन हैं देवकीनंदन ठाकुर?
देवकीनंदन ठाकुर एक कथावाचक हैं. इसके अलावा वो आध्यात्मिक गुरु और गायक भी हैं. मीडिया और सोशल मीडिया पर मिली जानकारी के मुताबिक देवकीनंदन का जन्म साल 1978 में मथुरा में हुआ था. एक जानकारी के मुताबिक कथावाचक ठाकुर ने बहुत कम उम्र में ही घर छोड़ दिया था. जिसके बाद वो वृंदावन चले गए थे. उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने 2015 में यूपी रतन के अवार्ड से भी सम्मानित किया था.