Gyanvapi Survey Report: मस्जिद समिति ने कहा,'यह सिर्फ एक रिपोर्ट है, कोई फैसला नहीं', जानें हिंदू पक्ष का दावा
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Gyanvapi Survey Report: मस्जिद समिति ने कहा,'यह सिर्फ एक रिपोर्ट है, कोई फैसला नहीं', जानें हिंदू पक्ष का दावा

Gyanvapi Survey Report:  ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने शुक्रवार को कहा कि मस्जिद का ASI सर्वेक्षण, जिसके बारे में हिंदू पक्ष के वकीलों का दावा है कि इसे पहले से मौजूद मंदिर एक के अवशेषों पर बनाया गया था. 'यह सिर्फ एक रिपोर्ट है, कोई फैसला नहीं'.

Gyanvapi Survey Report: मस्जिद समिति ने कहा,'यह सिर्फ एक रिपोर्ट है, कोई फैसला नहीं', जानें हिंदू पक्ष का दावा

Gyanvapi Survey Report: ज्ञानवापी मस्जिद की एएसआई सर्वे रिपोर्ट दोनों पक्षों को मिल गई है. हिन्दू पक्ष के वकील ने रिपोर्ट आने के बाद कई दावे किए थे. वहीं, अब ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने शुक्रवार को कहा कि मस्जिद का ASI सर्वेक्षण, जिसके बारे में हिंदू पक्ष के वकीलों का दावा है कि इसे पहले से मौजूद मंदिर एक के अवशेषों पर बनाया गया था. 'यह सिर्फ एक रिपोर्ट है, कोई फैसला नहीं'. अजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने कहा कि वे ASI सर्वेक्षण रिपोर्ट का स्टडी कर रहे हैं,  जिसके बाद वे इस मामले में कुछ टिप्पणी करेंगे.

ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति के सचिव मोहम्मद यासीन ने कहा, "यह सिर्फ एक रिपोर्ट है, कोई फैसला नहीं. कई तरह की रिपोर्टें हैं. यह इस मुद्दे पर आखिरी शब्द नहीं है. उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट (स्पेशल प्रोविंजन्स ), 1991 से संबंधित मामले की सुनवाई करेगा तो वे अपने विचार प्रस्तुत करेंगे."

बता दें कि ये अधिनियम कहता है कि अयोध्या में राम मंदिर को छोड़कर किसी भी स्थान का "धार्मिक चरित्र" 15 अगस्त, 1947 को मौजूद स्थान से नहीं बदला जा सकता है. काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मामले में हिंदू याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने गुरुवार को दावा किया कि एएसआई के एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट से पता चलता है कि मस्जिद पहले से मौजूद मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई थी. जैन ने दावा किया, "इन सबूतों से पता चलता है कि जब 17वीं शताब्दी में औरंगजेब ने आदिविश्वारा मंदिर को ध्वस्त किया था, तब वहां एक भव्य मंदिर पहले से मौजूद था."

दूसरी तरफ, एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ASI की इस सर्वे रिपोर्ट की आलोचना की. उन्होंने संगठन को “हिंदुत्व की दासी” करार दिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “यह प्रोफेशनल पुरातत्वविदों या इतिहासकारों के किसी भी ग्रुप के सामने अकादमिक जांच में खड़ा नहीं होगा. रिपोर्ट अनुमान पर आधारित है और वैज्ञानिक स्टडी का मजाक उड़ाती दिखती है. जैसा कि एक महान विद्वान ने एक बार कहा था ‘एएसआई हिंदुत्व की दासी है."

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