Scholarship:पहली कक्षा से आठवीं तक दी जाने वाली छात्रवृत्ति पर सरकार ने लगाई रोक
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Scholarship:पहली कक्षा से आठवीं तक दी जाने वाली छात्रवृत्ति पर सरकार ने लगाई रोक

अगर आप अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) या अल्पसंख्यक समुदायों से है. और आपका बच्चा पहली कक्षा से लेकर 8वीं कक्षा में पढ़ता है. तो अब आपके बच्चे को सरकार की तरफ से दी जाने वाली छात्रवृत्ति नही मिलेगी.

Scholarship:पहली कक्षा से आठवीं तक दी जाने वाली छात्रवृत्ति पर सरकार ने लगाई रोक

अगर आप अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) या अल्पसंख्यक समुदायों से है. और आपका बच्चा पहली कक्षा से लेकर 8वीं कक्षा में पढ़ता है. तो अब आपके बच्चे को सरकार की तरफ से दी जाने वाली छात्रवृत्ति नही मिलेगी. क्योकि सरकार ने पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक दी जाने वाली छात्रवृत्ति पर ही रोक लगा दी है. सरकार का कहना है कि, पूर्व-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में केवल 9वीं कक्षा और 10वीं कक्षा के छात्रों को ही शामिल किया जाएगा. 

अब नहीं मिलेगी छात्रवृत्ति
सरकार की तरफ से आरटीई यानी शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सभी छात्रों के लिए आठवीं कक्षा तक सिर्फ अनिवार्य शिक्षा के प्रावधान का उल्लेख किया गया है. जिसके तहत सरकार ने अब पिछड़े और अल्पसंख्यक तबके के लिए छात्रवृत्ति योजना को 9वीं और 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों तक सीमित कर दिया है. इससे पहले SC,ST,OBC और  अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों को कक्षा एक से लेकर आठवीं तक स्कॉलरशिप दी जाती थी. जो की अब बंद कर दी गई है. यानी अब पहली कक्षा से लेकर आठवी कक्षा तक में पढ़ने वाले बच्चे छात्रवृत्ति से महरुम हो जायेंगे.

सिर्फ 9वीं और 10वीं के छात्रों को मिलेगी स्कॉलरशिप
सरकार ने एक नोटिस में अपने फैसले को सही ठहराया है. जिसमें कहा गया है कि शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 प्रत्येक बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा (पहली कक्षा से आठवीं) प्रदान करना सरकार के लिए अनिवार्य बनाता है. इस नोटिस में कहा गया, 'इसके मुताबिक़ सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय तथा जनजातीय मामलों के मंत्रालय की पूर्व-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा 9वीं और 10वीं में पढ़ने वाले छात्रों को ही कवर किया जाता है. इसी तरह 2022-23 से अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की पूर्व-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत कवरेज भी केवल कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए होगी'. इस बाबत संस्थान के नोडल अधिकारी (आईएनओ) या जिला नोडल अधिकारी (डीएनओ) या राज्य नोडल अधिकारी (एसएनओ) को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की पूर्व-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत केवल कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए आवेदनों को सत्यापित करने को कहा गया है. 

सियासी पार्टियों ने जताया ऐतराज़
सरकार के इस फैसले पर सियासी जमातो ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, 'दशकों से अनुसूचित जाति/जनजाति पृष्ठभूमि के बच्चों को पहली कक्षा से 8वीं तक की छात्रवृत्ति मिलती रही है, लेकिन सरकार ने 2022-23 से छात्रवृत्ति बंद कर दी है, जो गरीबों के खिलाफ एक ‘‘षड्यंत्र’’ है.  उन्होंने कहा, 'पिछले आठ साल से BJP सरकार ने लगातार वंचितों के अधिकारों पर हमला बोला है, वो चाहे एससी/एसटी/ओबीसी-अल्पसंख्यकों का बजट घटाना हो या जघन्य अत्याचार हो. हम इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे. यह फैसला तुरंत वापस लें.' तो वहीं बहुजन समाज पार्टी के नेता कुंवर दानिश अली ने दावा किया कि, सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों (कक्षा 1-8) को दी जाने वाली छात्रवृत्ति पर रोक लगाकर, इन गरीब बच्चों को शिक्षा से दूर रखने का नया तरीका निकाला है. उन्होने ट्वीट किया, 'यह मत भूलिये कि शिक्षित बच्चे चाहे, वो किसी भी समुदाय के हों, देश को आगे ले जाते हैं'. 

Zee Salaam

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