किसान आंदोलन पर SC की टिप्‍पणी- 'विरोध का हक, लेकिन सड़कें इस तरह से नहीं बंद कर सकते'
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किसान आंदोलन पर SC की टिप्‍पणी- 'विरोध का हक, लेकिन सड़कें इस तरह से नहीं बंद कर सकते'

नोएडा की एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दायर कर हुकूमत को ये निर्देश दिए जाने का मुतालबा किया है कि नोएडा से दिल्ली का रास्ता साफ़ रखा जाए ताकि किसी को आने-जाने में दिक्कत न हो.

Supreme Court, File Photo

नई दिल्ली: मरकज़ी हुकूमत की तरफ से लाए गए तीन कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ लंबे वक्त से दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) जारी है. हरियाणा और यूपी बॉर्डर पर किसान संगठन धरने पर बैठे हैं जिसकी वजह से कई जगह रोड को बंद या डायवर्ट भी करना पड़ा है. अब इस मामले पर दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने हुकूमत से जल्द इस मुद्दे का समाधान निकालने को कहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने की ये टिप्पणी
जस्टिस संजय किशन कॉल की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट बेंच ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों को तय जगह पर विरोध करने का हक है लेकिन वे ट्रैफिक को बंद नहीं कर सकते हैं. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार और किसान दोनों पक्षों से समाधान खोजने की अपील की है.

'सड़कें इस तरह से बंद नहीं की जा सकती हैं'
वहीं, इस मामले में मरकज़ी हुकूमत का पक्ष रख रहे सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता को बेंच ने कहा, "समस्या का हल केंद्र और राज्य सरकारों के हाथ में है. आपको इसका हल खोजना होगा. उन्हें एक मकाम से विरोध करने का हक हो सकता है लेकिन सड़कें इस तरह से बंद नहीं की जा सकती हैं."

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नोएडा की एक महिला एक महीला की अर्जी पर हुई सुनवाई
गौरतलब है कि नोएडा की एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दायर कर हुकूमत को ये निर्देश दिए जाने का मुतालबा किया है कि नोएडा से दिल्ली का रास्ता साफ़ रखा जाए ताकि किसी को आने-जाने में दिक्कत न हो. अर्ज़ी में ये भी जिक्र किया गया था कि किसान आंदोलन की वजह से नोएडा से दिल्ली पहुंचने के लिए जिस रास्ते पर आधे घंटे का वक्त लगता था अब उसमें दो घंटे लग जाते हैं. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को मुकर्रर की है.

उत्तर प्रदेश सरकार हुकूमत ने कही ये बात
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में अपने हलफनामे में कहा है कि वो किसानों को समझाने की तमाम कोशिशें कर रहे हैं कि सड़क जाम करने से आने-जाने वालों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकार को इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए कहा था.

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