ED ने दुबई के हवाला कारोबारी के 580 करोड़ की संपत्ति की जब्त; महादेव ऐप से जुड़ा है मामला
Advertisement

ED ने दुबई के हवाला कारोबारी के 580 करोड़ की संपत्ति की जब्त; महादेव ऐप से जुड़ा है मामला

ED Raid: प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में अब तक नौ लोगों को गिफ्तार किया है. ईडी ने पहले कहा था कि ऐप के जरिए अर्जित कथित अवैध धन का इस्तेमाल छत्तीसगढ़ में नेताओं और नौकरशाहों को रिश्वत देने के लिए किया गया था. ऐप के मुख्य प्रवर्तक और संचालक छत्तीसगढ़ के ही हैं.

ED ने दुबई के हवाला कारोबारी के 580 करोड़ की संपत्ति की जब्त; महादेव ऐप से जुड़ा है मामला

ED Raid: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महादेव ऐप से जुड़े धनशोधन मामले में हालिया छापेमारी के दौरान दुबई में मौजूद हवाला कारोबारी की 580 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जब्त कर लीं और 3.64 करोड़ रुपए मूल्य की नकदी एवं कीमती सामान अपने कब्जे में ले लिया है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है. 

मामले में 28 फरवरी को कोलकाता, गुरुग्राम, दिल्ली, इंदौर, मुंबई और रायपुर मौजूद मुख्तलिफ परिसरों में छापे मारे गए थे. ED ने पूर्व में दावा किया था कि महादेव ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दौरान छत्तीसगढ़ के विभिन्न उच्च पदस्थ नेताओं और नौकरशाहों की कथित संलिप्तता के संकेत मिले हैं.

सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने इस मामले में एक ‘हवाला कारोबारी’ हरि शंकर टिबरेवाल की पहचान की है जो कोलकाता का रहने वाला है, लेकिन फिलहाल दुबई में रह रहा है. उन्होंने बताया कि ईडी ने टिबरेवाल और उसके सहयोगियों के परिसरों में छापे मारे हैं. ईडी का इल्जाम है कि टिबरेवाल ने महादेव ऐप के प्रवर्तकों के साथ साझेदारी की और वह एक कथित अवैध सट्टेबाजी ऐप ‘स्काईएक्सचेंज’ का मालिक और संचालक भी है.

ईडी ने लगाया ये इल्जाम
ईडी का इल्जाम है, ‘‘वह (टिबरेवाल), दुबई स्थित अपनी कंपनियों के जरिये, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के माध्यम से भारतीय शेयर बाजार में सट्टेबाजी में निवेश कर रहा था. उसने अपने कई सहयोगियों को कई कंपनियों में निदेशक भी नियुक्त कर रखा था, जो शेयर बाजार में सट्टेबाजी में सहायता कर रहे थे.’’ एजेंसी ने बताया कि टिबरेवाल सट्टेबाजी की रकम को बड़े पैमाने पर हवाला के जरिये दूसरी जगह भेजने में भी लिप्त था. 

अब तक 9 लोगों की हुई है गिरफ्तारी
प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में अब तक नौ लोगों को गिफ्तार किया है. ईडी ने पहले कहा था कि ऐप के जरिए अर्जित कथित अवैध धन का इस्तेमाल छत्तीसगढ़ में नेताओं और नौकरशाहों को रिश्वत देने के लिए किया गया था. ऐप के मुख्य प्रवर्तक और संचालक छत्तीसगढ़ के ही हैं. ईडी ने मामले में अब तक दो आरोप पत्र दाखिल किए हैं, जिनमें कथित अवैध सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप के दो मुख्य प्रवर्तकों सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ आरोप पत्र भी शामिल हैं.

पहले भी हो चुकी है छापेमारी
एजेंसी पहले भी, मामले में कई बार छापे मार चुकी है. एजेंसी ने कहा, ‘‘महादेव ऑनलाइन बुक की गतिविधियां दुबई से संचालित की जाती हैं और यह अपने ज्ञात सहयोगियों के जरिये 70--30 प्रतिशत लाभ के अनुपात पर काम करती है.’’ ईडी के मुताबिक, इस मामले में अपराध से लगभग 6,000 करोड़ रुपये अर्जित किए गए हैं. 

Trending news