Dushmani Hindi Shayari: कई शायरों ने अपने तजुर्बे की बिना पर दुश्मन को अपनी शायरी का मौजूं बनाया है. पेश हैं दुश्मनों पर चुनिंदा शेर.
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Dushmani Hindi Shayari: उर्दू और हिंदी के कई शायरों ने प्यार, मोहब्बत और दोस्ती पर तो शेर लिखे ही हैं. दुश्मनों पर अपनी कलम चलाई है. तजुर्बेकारों का मानना है कि बेवकूफ दोस्त से अकलमंद दोस्त अच्छे. इसी तरह कुछ शायर मानते हैं कि दुश्मन तो दुश्मन होते हैं दोस्त ही कहां किसी चीज में कमी छोड़ते हैं. कई शायरों ने धोकेबाज दोस्तों की ताबीर दुश्मनों से की है. इसलिए आज हम आपके लिए ले कर आए हैं दुश्मनों पर शेर.
दुश्मनों से प्यार होता जाएगा
दोस्तों को आज़माते जाइए
ख़ुमार बाराबंकवी
दुश्मनों की जफ़ा का ख़ौफ़ नहीं
दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं
हफ़ीज़ बनारसी
दुश्मनों ने जो दुश्मनी की है
दोस्तों ने भी क्या कमी की है
हबीब जालिब
दुश्मनों से पशेमान होना पड़ा है
दोस्तों का ख़ुलूस आज़माने के बाद
ख़ुमार बाराबंकवी
'अर्श' किस दोस्त को अपना समझूँ
सब के सब दोस्त हैं दुश्मन की तरफ़
अर्श मलसियानी
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दोस्त हर ऐब छुपा लेते हैं
कोई दुश्मन भी तिरा है कि नहीं
बाक़ी सिद्दीक़ी
दोस्ती जब किसी से की जाए
दुश्मनों की भी राय ली जाए
राहत इंदौरी
मौत ही इंसान की दुश्मन नहीं
ज़िंदगी भी जान ले कर जाएगी
अर्श मलसियानी
उस के दुश्मन हैं बहुत आदमी अच्छा होगा
वो भी मेरी ही तरह शहर में तन्हा होगा
निदा फ़ाज़ली
दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद हैं
देखना है खींचता है मुझ पे पहला तीर कौन
परवीन शाकिर
मैं आ कर दुश्मनों में बस गया हूँ
यहाँ हमदर्द हैं दो-चार मेरे
राहत इंदौरी
मुख़ालिफ़त से मिरी शख़्सियत सँवरती है
मैं दुश्मनों का बड़ा एहतिराम करता हूँ
बशीर बद्र
ख़ुदा के वास्ते मौक़ा न दे शिकायत का
कि दोस्ती की तरह दुश्मनी निभाया कर
साक़ी फ़ारुक़ी
जो दोस्त हैं वो माँगते हैं सुल्ह की दुआ
दुश्मन ये चाहते हैं कि आपस में जंग हो
लाला माधव राम जौहर
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