डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन यानि डीजीसीए ने पैसेंजर की सहूलियतों से जुड़े नियमों के पालन में चूक के लिए एयर इंडिया पर 10 लाख रुपये का ज़ुर्माना लगाया है. यह जुर्माना पैसेंजरस को जरुरी सहुलियत ना मुहैया कराने सहित कई अन्य नियमों का पालन करने में असफल होने पर लगाया है.
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सिविल एविएशन पर निगरानी रखने वाली आर्गेनाइजेशन 'डीजीसीए' ने एयर इडिंया एयरलाइन्स पर 10 लाख का जुर्माना लगाया है. इस जुर्माने के पीछे एयर इंडिया पर आरोप है कि उसने अपने पैसेंजर को ज़रूरी सहूलियत मुहैया कराने समेत कई अन्य नियमों का पालन नहीं किया है. इसके लिए नियामक ने दिल्ली,कोच्चि और बेंगलुरु एयरपोर्टों पर जांच की. जांच के बाद नियामक ने कहा कि एयर इंडिया सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट (सीएआर) के नियमों का पालन नहीं कर रहा था.इस मामले में तीन नवंबर को एयर इंडिया को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था. अपने बयान में डीजीसीए ने कहा है कि एयर इंडिया के जवाब के आधार पर ये पाया गया कि एयर इंडिया ने एयरलाइन संबधी नियमों का पालन नहीं किया.
इसमें फ़्लाइट में देरी पर पैसेंजर के लिए होटल का इंतज़ाम, इंटरनेशलन पैसेंजर को मुआवज़ा ना देना और अपने ग्राउंड स्टाफ़ को ट्रेनिंग ना देने जैसी लापरवाही शामिल है.
इससे पहले भी लग चुका है जुर्माना
इससे पहले 2023 में एयर इंडिया पर डीजीसीए ने 30 लाख का जुर्माना लगाया था...ये जुर्माना भी नागरिक उड्डयन नियमों का उल्लंघन करने पर लगाई गई थी. इससे पहले पिछले साल जून में भी एयर इंडिया पर बोर्डिंग से इनकार करने के नियमों का उल्लंघन करने के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था साथ ही तब उसे समस्या को हल करने के लिए तुरंत सिस्टम लगाने का आदेश दिया था.
यात्रियों को मुआवजा देने की कही बात
एयर इंडिया पर उड़ानों में देरी होने पर पैसेंजर को होटल में ठहराने, इंटरनेशनल एविऐशन में सुविधाजनक सीटें न पाने वाले पैसेंजर को मुआवजा देने और ग्राउंड स्टाफ के पूरी ट्रेनिंग से जुड़े मानकों पर ध्यान देने की बात कही गई है