MP और BJP नेता बृजभूषण शरण सिंह को करारा झटका; कोर्ट ने तय किया महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप
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MP और BJP नेता बृजभूषण शरण सिंह को करारा झटका; कोर्ट ने तय किया महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप

Brij Bhushan Singh Case: बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने बीजेपी सांसद पर शुक्रवार को पांच महिला पहलवानों को परेशान करने के मामले में आरोप तय किए.

MP और BJP नेता बृजभूषण शरण सिंह को करारा झटका; कोर्ट ने तय किया महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप

Brij Bhushan Singh Case: बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने बीजेपी सांसद पर शुक्रवार को पांच महिला पहलवानों को परेशान करने के मामले में आरोप तय किए. सिंह पर यौन उत्पीड़न और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप है.

राउज़ एवेन्यू कोर्ट की एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने ये आदेश पारित किया. न्यायाधीश राजपूत ने कहा कि दो पहलवानों से जुड़े में आईपीसी की धारा 506(1) (आपराधिक धमकी) के तहत दंडनीय अपराध के लिए सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के लिए सबूत है. हालांकि, एक पीड़िता से जुड़े मामले में कोर्ट ने सिंह को आरोप मुक्त कर दिया.  अदालत ने कहा, "जहां तक ​​पीड़िता नंबर 6 का संबंध है, उसमें आरोपी नंबर 1 बृजभूषण शरण सिंह को आरोपमुक्त किया जाता है."

पूर्व WFI सचिव पर लगा ये आरोप
अदालत ने सह-अभियुक्त विनोद तोमर पर आपराधिक धमकी देने का आरोप लगाया. हालांकि कोर्ट ने एक को छोड़कर बाकी मामलो में इसे भी आरोपमुक्त कर दिया. अदालत ने कहा, "उन्हें सभी आरोपियों के संबंध में उकसाने के अपराध से मुक्त किया जाता है."

पुलिस ने इन धाराओं में दर्ज की थी FIR
बता दें कि तोमर डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव हैं. वहीं, डब्ल्यूएफआई प्रमुख रहते बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ छह पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. उनकी शिकायतों के आधार पर पुलिस ने सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.

दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ 15 जून 2023 को आईपीसी की धारा 354, 354 ए , 354 डी और 506 (1) (आपराधिक धमकी) के तहत अपराध के लिए आरोप पत्र दायर किया था. 

गौरतलब है कि सिंह पर एक नाबालिग पहलवान ने भी आरोप लगाए थे. हालांकि, बाद में उन्होंने अपनी शिकायत वापस ले ली थी, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO अधिनियम) के तहत कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर की.

इस मामले को लेकर पूर्व WFI चीफ ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन कोर्ट ने 26 अप्रैल को सिंह के आवेदन को खारिज कर दिया था.

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