अदालत ने ‘शिवलिंग पर बिच्छू’ टिप्पणी मामले में थरूर को दलीलें पेश करने का दिया आखिरी मौका, जानें पूरा मामला
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अदालत ने ‘शिवलिंग पर बिच्छू’ टिप्पणी मामले में थरूर को दलीलें पेश करने का दिया आखिरी मौका, जानें पूरा मामला

Delhi News: थरूर ने पीएम नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाते हुए कथित तौर पर ‘‘शिवलिंग पर बिच्छू’’ वाली टिप्पणी की थी. जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने थरूर के वकील के दरख्वास्त पर मामले को 15 मार्च, 2024 तक के लिए स्थगित कर दिया और उनसे लिखित दलीलें पेश करने को कहा.

अदालत ने ‘शिवलिंग पर बिच्छू’ टिप्पणी मामले में थरूर को दलीलें पेश करने का दिया आखिरी मौका, जानें पूरा मामला

Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस पार्टी से मौजूदा सांसद शशि थरूर को दलीलें पेश करने का आखिरी मौका दिया है. कोर्ट ने थरूर को उस याचिका पर दलीलें पेश करने का आखिरी मौका दिया जिसमें उन्होंने ‘‘शिवलिंग पर बिच्छू’’ वाली कथित टिप्पणी की थी. इस बयान को लेकर थरूर ने भाजपा नेता की शिकायत पर की गई मानहानि की कार्रवाई को चुनौती दी है.

थरूर ने पीएम नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाते हुए कथित तौर पर ‘‘शिवलिंग पर बिच्छू’’ वाली टिप्पणी की थी. जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने थरूर के वकील के दरख्वास्त पर मामले को 15 मार्च, 2024 तक के लिए स्थगित कर दिया और उनसे लिखित दलीलें पेश करने को कहा.

 हालांकि, कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि सुनवाई की अगली तारीख पर मामले पर बहस नहीं हुई तो याचिका पर लिखित दलीलों के बुनियाद पर फैसला किया जाएगा. हाई कोर्ट ने 16 अक्टूबर, 2020 को मानहानि की शिकायत पर थरूर के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.

कोर्ट ने नोटिस जारी किया था और निचली अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती देने वाली थरूर की याचिका पर शिकायतकर्ता राजीव बब्बर से जवाब मांगा था. थरूर ने निचली अदालत के 27 अप्रैल, 2019 के हुक्म को रद्द करने का दरख्वास्त किया, जिसके द्वारा उन्हें आपराधिक मानहानि शिकायत में मुल्जिम के रूप में समन किया गया था. उन्होंने 2 नवंबर, 2018 की शिकायत को भी रद्द करने की मांग की थी.

थरूर के वकील ने दी थी ये दलील 
थरूर के वकील ने दलील दी थी कि निचली अदालत का हुक्म कानून की दृष्टि से असंगत था और आपराधिक न्यायशास्त्र ( criminal jurisprudence ) के स्थापित सिद्धांतों के खिलाफ था, क्योंकि उसने इस तथ्य को नजरअंदाज कर दिया था कि बब्बर की शिकायत ‘‘पूरी तरह से झूठी थी.

शिकायतकर्ता ने किया था ये दावा 
अपनी शिकायत में बब्बर ने दावा किया था कि कांग्रेस नेता की टिप्पणियों से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. थरूर ने अक्टूबर 2018 में कथित तौर पर दावा किया कि आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक अज्ञात नेता ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना ‘‘शिवलिंग पर बैठे बिच्छू’’ से की थी और इसे एक ‘‘रूपक’’ बताया था.

शिकायतकर्ता ने कहा था, ‘‘मैं भगवान शिव का भक्त हूं...हालांकि, आरोपी (थरूर) ने करोड़ों शिव भक्तों की भावनाओं की पूरी तरह से अनदेखी की, और बयान दिया जिससे भारत में और देश के बाहर सभी शिव भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंची’’.

 

 

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