दिल्ली सरकार ने जब्त किए गए अधिक उम्र वाले वाहनों को छोड़ने के लिए बनाई नयी पालिसी
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दिल्ली सरकार ने जब्त किए गए अधिक उम्र वाले वाहनों को छोड़ने के लिए बनाई नयी पालिसी

दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद, दिल्ली सरकार जब्त किए गए अधिक उम्र वाले वाहनों को रिहा करने के लिए एक नयी पालिसी को अंतिम रूप देने के करीब है.

दिल्ली सरकार ने जब्त किए गए अधिक उम्र वाले वाहनों को छोड़ने के लिए बनाई नयी पालिसी

जिन कार मालिकों के वाहन जब्त कर लिए गए हैं वे जल्द ही कुछ अच्छी खबर की उम्मीद कर सकते हैं क्योंकि दिल्ली परिवहन विभाग ने 'एंड ऑफ लाइफ' वाहन (ईएलवी) पालिसी  को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है, जिसे अगले दो सप्ताह में अंतिम रूप दिया जाना है. दरअसल 30 से अधिक कार मालिकों की कई शिकायतों और याचिकाओं के बाद, दिल्ली हाई कोर्ट  ने अगस्त में विभाग को कई जब्त किए गए ईएलवी को मालिक के वचनपत्र पर जारी करने के लिए एक पालिसी बनाने का निर्देश दिया कि मालिक यह सुनिश्चित करें कि वे अपने  'एंड ऑफ लाइफ' वाहन का उपयोग राष्ट्रीय राजधानी में नहीं करेंगे. आपको बता दें कि साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में क्रमशः 10 और 15 साल से अधिक पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया, और कहा कि उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा.

अब तक कितने वाहनों को किया गया जब्त?
जनवरी 2022 से अक्टूबर 2022 के बीच, दिल्ली में कम से कम 50 लाख वाहनों का पंजीकरण रद्द किया गया था, जिनमें से अब तक कुल  15,000 से अधिक वाहन जब्त किए गए हैं. 2014 के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश में 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर पार्क करने पर रोक लगा दी गई है.दिल्ली  हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए और मौजूदा नियमों का अनुपालन करते हुए जब्त किए गए अधिक उम्र वाले वाहनों को रिहा करने का समाधान ये पालिसी देगी.

क्या है इस पालिसी की आवश्यकताएं?
इस पालिसी  के तहत, मालिकों को अपने पुराने वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर पार्क नहीं करने या शहर की सीमा के भीतर सड़कों पर नहीं चलाने की प्रतिज्ञा करनी होगी.जब एक पुरानी कार को मरम्मत की आवश्यकता होती है, तो परिवहन विभाग को सूचित किया जाना चाहिए और एक लॉरी या गाड़ी किराए पर ली जानी चाहिए.दिल्ली सरकार ने पहले पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अधिक उम्र वाले वाहनों के लिए दस्तावेज़ जमा करने की प्रक्रिया को पूरी तरह से फेसलेस बनाने की योजना बनाई थी. साथ ही साथ सरकार मालिक को यह तय करने के लिए छह महीने का समय भी देगी कि उसे अपने  वाहन के साथ क्या करना है. इसके बाद जो भी वाहन चलते हुए पाया जाएगा उसे जब्त कर कबाड़ी( scrapeyard) के पास भेज दिया जाएगा.

स्पेशल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर शहजाद आलम का कहेना है कि लोगों को शपथ पत्र देना होगा कि वे सार्वजनिक स्थान पर अपना वाहन नहीं चलाएंगे और न ही पार्क करेंगे. जब वाहन उन्हें वापस किया जाएगा, तो उन्हें एक निश्चित राशि का भुगतान करना होगा जो  चार पहिया वाहनों के लिए 10,000 रुपये है और दोपहिया वाहनों के लिए 5,000 रुपये. वे अपने वाहन को अपने  निजी परिसर में पार्क कर सकते हैं और उन्हें एमसीडी द्वारा दिया गया पार्किंग प्रमाण भी लेना होगा. उन्होंने यह भी कहा की ये करने का पूरा प्रोसेस बेहद ही आसन होगा और लोग उसे अपने घर बैठे बैठे ऑनलाइन कर सकते हैं.

ट्रांसपोर्ट विभाग के एक अन्य वरिष्ठ  अधिकारी का कहना है कि यही नियम उन वाहनों पर भी लागू होंगे जो अपने जीवन के अंत के करीब हैं (पेट्रोल वाहनों के लिए 15 वर्ष और डीजल के लिए 10 वर्ष). उन्होंने यह भी कहा कि कई लोग दावा करते हैं कि उनके पास पुरानी विंटेज  कारें हैं. उनके लिए, 2021 में केंद्र द्वारा लागू की गई मौजूदा पालिसी के अनुसार दावा करने या इसे पंजीकृत करने के लिए एक कॉलम भी होगा.

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