अब सरकारी नियंत्रण में होगी डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी; UGC ने बदले नियम
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अब सरकारी नियंत्रण में होगी डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी; UGC ने बदले नियम

Deemed to be university will now be under government control: UGC ने 'यूजीसी रेग्युलेशन 2022 ड्राफ्ट’ में कहा है कि 'डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी’ के लिए दाखिले और फीस में पारदर्शिता बरतनी होगी और वहां एडमिशन और शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण के नियम लागू होंगे. 

अलामती तस्वीर

नई दिल्लीः विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की एक हाई लेवल कमेटी ने 'डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी’ (Deemed to be university) के लिए नया रेग्युलेशन ड्रॉफ्ट तैयार किया है. मुल्कभर के अलग-अलग राज्यों के साथ साथ सभी संबंधित यूनिवर्सिटी को 'यूजीसी रेग्युलेशन 2022 ड्राफ्ट’ (UGC Regulation 2022 draft) की कॉपी भेजी गई है. यह ड्राफ्ट ’यूजीसी रेग्युलेशन 2019’ (UGC Regulation draft 2019) की जगह पर लागू किया जाएगा. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी भी अब सेंट्रल यूनिवर्सिटी (Central Universities) की ही तरह काम करेंगी.
इस नए रेगुलेशन का यह भी फायादा होगा कि अब डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट दाखिले यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट की कटऑफ के जरिए होंगे. इसका सीधा-सीधा मतलब है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी में लागू हो चुके नियम अब डीम्ड यूनिवर्सिटी में भी लागू किए जाएंगे.

फीस में बरतनी होगी पारदर्शिता 
यूजीसी के मुताबिक, डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी में दाखिला संसदीय एक्ट के मुताबिक होगा. इसके साथ ही प्रोफेसर्स की भर्ती में रिजर्वेशन के नियम अमल में लाए जाएंगे. इन यूनिवर्सिटी को छात्रों से वसूली जाने वाली फीस के मामले में भी अब पूरी पारदर्शिता बरतनी होगी. यानी इन यूनिवर्सिटी का संचालन कारोबार और फायदे के लिए नहीं किया जाएगा.

रिजर्वेशन संबंधी नियमों का पालन करना होगा जरूरी 
यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने बताया, ’’नए नियमों के लागू होने पर डीम्ड यूनिवर्सिटी को फीस और दाखिले में पारदर्शिता बरतना जरूरी हो जाएगा. यूनिवर्सिटी इस मामले में अपनी मनमानी नहीं कर सकेंगे. सेंट्रल यूनिवर्सिटीज को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस फेस जैसे एग्जाम की कट ऑफ दिखानी होगी और उसी के बिना पर दाखिले होंगे. वहीं शिक्षकों की भर्ती में केंद्र सरकार के रिजर्वेशन संबंधी नियमों का पालन करना होगा.

पिछड़े वर्गो के छात्रों को देना होगा स्कॉलरशिप 
यूनिवर्सिटीज को आर्थिक व सामाजिक पिछड़े वर्गो के छात्रों को स्कॉलरशिप व ऐसे छात्रों के लिए रिजर्व कुछ सीटों का इंतजाम करना होगा. यहां नई शिक्षा नीति के प्रावधान भी लागू किए जाएंगे और राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी 2020 की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए यूजी व पीजी प्रोग्राम में कम से कम पांच डिपार्टमेंट मल्टी-डिसिप्लिनरी, इंटीग्रेटिड व रिसर्च पर काम करेंगे.
इन डिपार्टमेंटस में काम करने वाले संस्थान डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी के लिए आवेदन कर सकेंगे. यूजीसी के मुताबिक, नैक ए ग्रेड, एनआईआरएफ रैंकिंग में लगातार तीन साल तक ओवरऑल वर्ग में टॉप 100 में रहने वाले और खास श्रेणी में तीन साल लगातार टॉप 50 में शामिल संस्थान भी आवेदन कर सकेंगे.

ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निग मोड से दे सेकेंगे डिग्री 
यूजीसी के नए नियम के मुताबिक, डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निग मोड से डिग्री कोर्स की पढ़ाई शुरू कर सकेंगी. इसके लिए इन यूनिवर्सिटीज को यूजीसी से इजाजत लेनी पड़ेगी. उच्च शिक्षा की राष्ट्रीय रैंकिंग ’एनआईआरएफ’ (NIRF) के टॉप 100 मैं आने वाले संस्थान अपने और कैंपस खोल सकेंगे.

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