दिक्कतों भरा रह सकता है आने वाला साल, राहुल से इंटरव्यू में बोले राजन
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दिक्कतों भरा रह सकता है आने वाला साल, राहुल से इंटरव्यू में बोले राजन

Raghuram Rajan on Inflation: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के मुताबिक आने वाला  साल काफी परेशानी वाला रहा सकता है. अगर भारत में 5 फीसदी की आर्थिक तरक्की कर ली तो यह बहुत बेहतर होगा.

दिक्कतों भरा रह सकता है आने वाला साल, राहुल से इंटरव्यू में बोले राजन

Raghuram Rajan on Inflation: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष में 2023-24 में अगर भारत 5 फीसद आर्थिक तरक्की दर को हासिल करता है तो वो बहुत ही किस्मतवाला होगा. उनके मुताबिक जारी साल रूस युक्रेन जंग की वजह से बहुत परेशानी भरा रहा. लेकिन आने वाले साल भी चैलेंज भरे रह सकते हैं. 

राहुल गांधी ने किया इंटरव्यू

कांग्रेस अध्यक्ष राहुत गांधी भारत जोड़ो यात्रा के तहत राजस्थान पहुंचे और उन्होंने RBI गवर्नर का इंटरव्यू किया. राजन के मुताबिक अगले साल पूरी दुनिया में तरक्की में कमी आएगी. इसका असर भारत पर भी पड़ेगा. भारत में ब्याज दरें बढ़ी हैं. यहां से निर्यात लगातार घट रहा है. भारत में महंगाई कमोडिटी दामों में उछाल के चलते है. साग-सब्जियों की महंगाई है. ये तरक्की के लिए निगेटिव काम करेगा. 

19 से 22 के दरमियान कम रहा ग्रोथ रेट

रघुराम राजन के मुताबिक भारत का बीता साल काफी बुरा रहा. अगर आप उस साल की बनिस्बत पिछला देखेंगे तो आंकड़े बेहतर नजर आएंगे. लेकिन बेहतर होगा कि आप कोरोना महामारी आने के पहले वाले साल से इसका मिलान करें. अगर आप साल 2022 की तुलना साल 2019 से करते हैं तो GDP ग्रोथ रेट 2 फीसद बनता है. जो काफी कम है. 

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महामारी है आर्थिक मंदी का सबब

राहुल गांधी ने जीडीपी ग्रोथ रेट कम होने की वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि इसकी एक वजह तो महामारी है. लेकिन भारत की आर्थिक हालत में पहले ही सुस्ती आ गई थी. भारत की जीडीपी ग्रोथ 9 फीसद से घट कर 5 फीसद पर आ गई. आर्थिक सुधार के लिए जो कदम उठाए जाने चाहिए थे वो नहीं किए गए. 

मिडिल क्लास के लोग हुए परेशान

रघुराम राजन के मुताबिक देश में असमानता बढ़ी है. जो अपर मिडिल क्लास के लोग थे वह महामारी के दौर में घर से काम कर सकते थे, लेकिन गरीब लोगों को फैक्ट्री जाना पड़ता था. लेकिन महामारी में फैक्ट्रियां बंद थीं. जो गरीब था उन्हें राशन मिल गया. अमीर लोगों को इसकी चिंता नहीं थी. लेकिन जो लोअर मिडिल क्लास के लोग थे उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कत हुई है. 

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