Muzaffarnagar Riot: उत्तर प्रदेश के जिला मुजफ्फरनगर में साल 2013 में हुए दंगों को भड़काने के मामले में आरो तय किए हैं. उनके साथ 27 और लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं.
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Muzaffarnagar Riot: मुजफ्फरनगर की स्पेशल MP, MLA कोर्ट ने साम्प्रदायिकता भड़काने के लिए पूर्व विधायक विक्रम सैनी समेत 27 लोगों पर आरोप तय किए हैं. खतौली से दो बार के विधायक रहे सैनी पिछले साल इसी मामले में कुछ धाराओं में दोष सिद्ध होने पर विक्रम सैनी को दो साल की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद उनकी सदस्यता चली गई थी. इस मामले में सूबूत पेश करने के लिए कोर्ट ने 21 जून की तारीख तय की है.
हो गई थी मॉब लिंचिंग
दरअसल जानसठ इलाके के कव्वाल गांव में 27 अगस्त 2013 को संवाद के हत्या के बाद में मेरे के पहले सचिन और गौरव की लोगों ने मॉब लिंचिंग कर दी. इसके बाद 29 अगस्त दोनों समुदायों में नारेबाजी हो गई. इसके बाद पुलिस ने 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.
देर से शुरू हुई सुनवाई
शासन की इजाजत के बाद सांप्रदायिकता भड़काने के मामले में विवेचना कर चार्जशीट दाखिल की थी. इसकी वजह से इस पर सुनवाई बहुत देर में शुरू हुई थी. इसके बाद सोमवार को MP, MLA की खास अदालत ने इस मामले में पूर्व विधायक विक्रम सैनी सहित 27 लोगों पर आरोप तय किए. इसी मामले में एक और अरोपी सतीश की मौत हो चुकी है.
रद्द हुई थी सदस्यता
इसी मुकदमे की दूसरी धाराओं में सुनवाई पूरी कर अदालत में खतौली के उस वक्त के भाजपा विधायक विक्रम सैनी को 11 अक्टूबर 2022 को दोषी ठहराया था. जिससे उनकी सदस्यता चली गई थी.
क्या था पूरा मामला?
बताया जाता है कि साल 2013 में मुजफ्फरनगर में एक जाट लड़की के साथ मुस्लिम लड़के ने छेड़खानी की. उसके बाद लड़की के दो भाईयों ने लड़के को पीट-पीट कर मार दिया. इसके जवाब में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दोनों लड़कों को मार दिया. इसके बाद दोनों समुदाय के लोगों में दंगा भड़क गया. हिंसा में 62 लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग घर से बेघर हो गए.
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