Chandrayaan-3 Mission: NASA के पूर्व अधिकारी ने चंद्रयान मिशन को लेकर दिया बड़ा बयान; जानें क्या कहा?
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Chandrayaan-3 Mission: NASA के पूर्व अधिकारी ने चंद्रयान मिशन को लेकर दिया बड़ा बयान; जानें क्या कहा?

Chandrayaan-3 Mission: चंद्रयान-3 मिशन का आज अहम दिन है. आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर लैंडिंग होने वाली है. इस सब के बीच NASA के एक पूर्व अधिकारी का बयान सामने आया है.

 

Chandrayaan-3 Mission: NASA के पूर्व अधिकारी ने चंद्रयान मिशन को लेकर दिया बड़ा बयान; जानें क्या कहा?

Chandrayaan-3 Mission: भारत के लिए आज का दिन बहुत अहम है. क्योंकि आज भारत के वैज्ञानिकों की सालों की मेहनत रंग लाने वाली है. वहीं नासा के एक पूर्व अधिकारी ने भारत और अमेरिका की अंतरिक्ष साझेदारी के बारे में बताते हुए कहा कि भारत के चंद्र मिशन चंद्रयान-3 में अहम डेटा एक जगह करने की बेहतरीन काबिलियत है और यह चंद्रमा की समझ में अहम योगदान देगा. 

रेडवायर स्पेस के मुख्य विकास अधिकारी माइक गोल्ड ने मंगलवार को एएनआई को दिए एक इन्टरव्यू में कहा कि ये मिशन डेटा संसाधनों के उपयोग की काबिलियत को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा जिसके परिणामस्वरूप चंद्र सतह पर बस्तियां बनाई जाएंगी.

माइक गोल्ड अंतरिक्ष कम्युनिटी का एक जाना-माना नाम है. इन्हें आर्टेमिस रिकॉर्ड का वास्तुकार भी माना जाता है.जो समझौतों का एक सेट है जो चंद्रमा की जिम्मेदार खोज के लिए योजना और रूपरेखा तैयार करता है. वह नासा में अंतरिक्ष नीति और साझेदारी के पूर्व सहयोगी एडमिन्सट्रेटर थे.

गोल्ड ने कहा, “यह (चंद्रयान -3) मिशन चंद्रमा के बारे में हमारी समझ, संसाधनों का उपयोग करने की हमारी क्षमता और अंततः हम चंद्रमा पर बस्तियां कहां बनाए जा रहे हैं और इसको आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए अहम डेटा जमा करेगा. चाहे मिशन लैंडिंग में सफल हो या नहीं. उन्होंने कहा कि मेरी राय में, मिशन अपने आप में एक समग्र सफलता है". 

माइक गोल्ड ने कहा कि मिशन "सहयोग को चंद्रमा तक आगे बढ़ाएगा". अभी नासा और इसरो के साथ हमारा अधिकांश सहयोग जमीन पर केंद्रित है. जैसे एनआईएसएआर जैसी परियोजनाएं, जहां भारत के साथ, हम रडार सिस्टम बनाने जा रहे हैं, जो पृथ्वी का अध्ययन करने में काबिल होंगे.जलवायु परिवर्तन और हमारे जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए बहुत सारे अहम डेटा तैयार करेंगे, जो भारत, अमेरिका और पूरी दुनिया के लिए बहुत जरूरी होने वाला है.

गोल्ड ने आगे कहा, "भारत निश्चित रूप से सरकारी नीति के नजरिए से आगे रहा है. उन्होंने साहसिक दृष्टिकोण और कार्यक्रमों को बेहद किफायती तरीके से लागू करने और अपनी अविश्वसनीय मानव पूंजी का सफलतापूर्वक फायदा उठाने में भारत की स्पष्टता के मामले में प्रधान मंत्री की सराहना की.गोल्ड ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के पास अद्भुत मात्रा में मानव पूंजी, मेनुफेक्चरिंग की सलाहयत , जिसे तिजारती जगह पर लागू करने पर यह न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे तिजारती अंतरिक्ष इलाके के लिए तब्दिली करने वाला हो सकता है".

रेड-वायर कॉर्पोरेशन एक अमेरिकी एयरोस्पेस निर्माता और अंतरिक्ष अवसंरचना प्रौद्योगिकी कंपनी है. चंद्रयान-3 मिशन पर कंपनी के मुख्य विकास अधिकारी ने कहा: “हम एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं, चंद्रमा की खोज का आर्टेमिस युग जहां हम सिर्फ एक बार नहीं, सिर्फ दो बार नहीं बल्कि चंद्रमा पर स्थायी उपस्थिति स्थापित करने जा रहे हैं”.

चांद पर पूरी तरह से उतरने के लिए तैयार; इसरो
इसरो के अनुसार, चंद्रयान-3 बुधवार को भारतीय समयानुसार लगभग 18:04 बजे चंद्रमा पर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है.

भारत बनेगा दुनिया का पहला देश  
संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश होगा, लेकिन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत दुनिया का एकमात्र देश होगा.

यहां पर देखें लाइव प्रसारण
लैंडिंग ऑपरेशन का सीधा प्रसारण बुधवार शाम 5:20 बजे IST से शुरू होगा. लैंडिंग की लाइव गतिविधियां इसरो वेबसाइट, यूट्यूब चैनल, फेसबुक और सार्वजनिक प्रसारक डीडी नेशनल टीवी पर 23 अगस्त, 2023 को शाम 5:27 बजे IST से उपलब्ध होंगी.

उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 के साथ-साथ आर्टेमिस पर हस्ताक्षर के साथ, "हम देख रहे हैं कि साझेदारी पृथ्वी की कक्षा से परे चंद्रमा की सतह तक जाएगी जहां रोबोटिक और मानव अंतरिक्ष अन्वेषण दोनों का अगला युग होने जा रहा है".

इस बीच, चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए भारतवंशियों के सदस्यों ने अमेरिका के वर्जीनिया में एक मंदिर में हवन किया.
चंद्रयान-3 मिशन पर वर्जीनिया के मंदिर में एक आगंतुक डॉ मधु राममूर्ति ने कहा: “मैं व्यक्तिगत रूप से उन्नत सामग्रियों के क्षेत्र में काम कर रहा हूं जो एयरोस्पेस और रक्षा में बहुत लंबे समय से काम करते हैं. बेंगलुरु में मेरी एक कंपनी है जो रक्षा क्षेत्र में काम आने वाले बहुत सारे घटक बनाती है. अब, ऐसा होता है, बहुत संयोग से, कि हम एक बहुत ही उच्च शक्ति वाला कपड़ा भी बनाते हैं जिसका उपयोग इसे सुदृढ़ करने और मजबूत बनाने के लिए किया जाता है".

इससे पहले, इसरो के पूर्व वैज्ञानिक वाईएस राजन ने भारत के चंद्र प्रयास की महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला और खुलासा किया कि चंद्रयान -3 में लगभग 80 प्रतिशत संशोधन पूरे हो चुके हैं.
उन्होंने कहा, "लगभग 80 प्रतिशत बदलाव (चंद्रयान-3 में) किए गए हैं और चंद्रयान-3 में कई चीजें शामिल कीं.उन्होंने आगे कहा कि पिछला संस्करण लैंडिंग ऊंचाई मापने के लिए पूरी तरह से अल्टीमीटर पर निर्भर था. लेकिन नए संस्करण में डॉपलर वेग को शामिल करने का दावा किया गया है.

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