केंद्र सरकार ने भारत में कोविड के जेएन.1 वैरिएंट मिलने की पुष्टि होने के साथ ही कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज किए जाने के बाद राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं. अभी इस नए वेरिएंट के मामले भारत के केरल में पाए गए हैं.
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भारत के केरल में कोविड-19 के नए वेरिएंट जेएन.1 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. भारत के अलावा चीन और अमेरिका में भी इस वेरिएंट का संक्रमण पाया गया है. केरल में अभी कोविड-19 के 1,324 एक्टिव केस हैं. बीते शनिवार को इस संक्रमण से प्रदेश में चार लोगों की मौत भी हो गई है. ऐसे में प्रदेश सरकार ने अपनी जनता से पैनिक ना करने की अपील की है. इसके बाद अब केंद्र की सरकार भी कोविड-19 के नए वेरिएंट को लेकर सतर्क हो गई है और उसने सभी राज्यों से आग्रह किया है कि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए सभी राज्य सतर्कता बरतें. स्वास्थय मंत्रालय की ओर से राज्यों को एक एडवाइज़री कर के कहा गया है कि वे सारी(सिवियर एक्यूट रेसपेरेटरी इलनैस) और आईएलआई (इंफ़्लूएंज़ा लाइक इलनैस) केसेज़ पर नज़र रखें और इस मामले से जुड़ी सारी जानकारी से केंद्र को नियमित रूप से अवगत कराएं.
केंद्र की एडवाइजरी में क्या कहा गया है
केंद्र सरकार की ओर से जारी एडवाइज़री में सभी राज्यों से आग्रह किया है कि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बनाए रखें. राज्यों से ये भी कहा गया है कि अपने अपने राज्य की सभी सिवियर एक्यूट रेसपेटरी इलनैस और इंफ़्लूएंज़ा जैसे इलनेस केसेज़ पर नज़र बनाए रखें. इसके साथ ही सभी राज्यों को ये निर्देश दिया गया है कि इन तमाम केसेज की जानकारी वो नियमित रुप से केंद्र से साझा करें. राज्य सरकार ये सुनिश्चित करें कि टेस्टिंग अधिक से अधिक हो और इसमें आरटी-पीसीआर टेस्ट भी शामिल हैं. इसके साथ ही राज्य सरकारों को पॉज़िटिव सेंपलों को इंसाकॉग लैब में भेजने को कहा गया है ताकि उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग भी की जा सके.
केरल की राज्य सरकार ने भी जारी की थी एडवाइज़री
केरल में अभी कोविड-19 के 1,324 एक्टिव केस हैं. बीते शनिवार को इस संक्रमण से केरल में चार लोगों की मौत भी हो गई है. ऐसे में केरल सरकार ने अपनी जनता से पैनिक ना करने की अपील भी की है. केरल सरकार का कहना है कि प्रशासन मुस्तैद है और प्रदेश में टेस्टिंग रेट भी ज्यादा है जिसके कारण संक्रमण के मामले जल्दी जल्दी सामने आ रहें हैं. अधिकारियों ने ये भी कहा है कि अभी ये नहीं पता चल पा रहा है कि अभी जेएन.1 वेरिएंट के कितने मामले हैं क्योंकि बहुत कम सैंपल ऐसे हैं जिनकी जिनोम सीक्वेंसिंग की जाती है और यही तरीका है जिससे नए वेरिएंट के बारे में पता चल सकता है. इस मुद्दे पर केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज का कहना है कि आम लोगों को परेशान होने की ज़रूरत नहीं है औऱ हालात काबू में हैं.