CBSE Board: सेंट्रल बोर्ड ऑफ एजुकेशन (CBSE) ने आज जम्मू-कश्मीर को भारत के नक्शे में नहीं दिखाने पर बवाल मच गया है. हालांकि बाद में CBSE के अधिकारी ने सफाई दी है.
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नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ एजुकेशन (CBSE) आज यानी सोमवार को भारत के नक्शे को लेकर विवादों में घिर गया. दरअसल आज एक ट्विटर हैंडल ने दावा किया कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ एजुकेशन (CBSE) ने Board की 10वीं क्लास की फ्रेंच सब्जेक्ट की बुक के कवर पेज में जम्मू-कश्मीर को भारत के नक्शे में नहीं दिखाया. Legal Rights Observatory- LRO या @LegalLro नाम के एक ट्विटर यूजर ने इस दावे के साथ किताब के कवर की फोटो को भी ट्वीट किया है.
Legal Rights Observatory- LRO या @LegalLro के दावे के बाद से ही सोशल मीडिया पर CBSE की सख्त तंकीद की जा रही है. LegalLro ने फ्रेंच सब्जेक्ट की बुक के कवर पेज को शेयर करते हुए लिखा है कि हे @cbseindia29 क्या यह सच है? क्या आप जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग नहीं मानते? या आपके पास अभी भी वामपंथी गिरोह है जो स्कूल बुक सेक्शन पर कड़ा नियंत्रण रखता है? आप नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं- बच्चों में जेंडर कन्फ्यूजन से लेकर जेके अलगाववाद तक! अद्भुत.' साथ-साथ इस ट्वीट में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और गृह मंत्री अमित शाह को भी टैग किया गया है.
Hey @cbseindia29 is this true? Don't U recognize Jammu n Kashmir as integral part of India? Or you still have leftist gang holding tight control over school book section?
U r touching new heights- from Gender Confusion in kids to JK Separatism! Amazing @dpradhanbjp
cc @AmitShah pic.twitter.com/fDcIR9fV7I— Legal Rights Observatory- LRO (@LegalLro) August 1, 2022
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जब इस मामले में CBSE बोर्ड से राब्ता किया गया तो बोर्ड के अधिकारी ने कहा कि कवल पेज नजर आ रहा नक्शा पुराने एडिशन का हिस्सा है. अधिकारी ने कहा, ’10वीं क्लास की फ्रेंच बुक के कवर पेज पर अनजाने में एक गलत नक्शा दिखया गया है. ये नक्शा किताब के साल 2014 के पहले वर्जन का का है. अगर रिवाइज्ड वर्जन देखना है तो इसे सीबीएसई की वेबसाइट पर देखा जा सकता है.
सीबीएसई बोर्ड की फ्रेंच किताब का मौजूदा कवर पेज..
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गौरतलब है कि इससे पहले CBSE बोर्ड विवादों में घिर चुका है. जब कोरोना वबा के बाद NCERT ने 6 से 12वीं क्लास की किताबों में बच्चों पर बोझ कम करने के लिए कई टॉपिक को हटा दिया. इसके अलावा 2002 के गुजरात दंगे, शीत युद्ध और मुगल दरबार के टॉपिक को 12वीं क्लास की किताबों से हटा दिया गया था और CBSE बोर्ड में NCERT की ही किताबें दाखिले निसाब होती हैं. इन टॉपिक्स हो हटाने पर भी CBSE को काफी तंकीद का निशाना बनाया गया था.
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