पूर्व IAS हर्ष मंदर के दफ्तर और आवास पर CBI का छापा; गुजरात दंगों के बाद दिया था इस्तीफा
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पूर्व IAS हर्ष मंदर के दफ्तर और आवास पर CBI का छापा; गुजरात दंगों के बाद दिया था इस्तीफा

CBI raids: बीते साल मार्च में, गृह मंत्रालय ने कथित विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) उल्लंघन के लिए IAS से सामाजिक कार्यकर्ता बने मंदर के अमन बिरादरी एनजीओ के खिलाफ CBI जांच की सिफारिश की थी.

पूर्व IAS हर्ष मंदर के दफ्तर और आवास पर CBI का छापा; गुजरात दंगों के बाद दिया था इस्तीफा

CBI raids: CBI ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के कथित उल्लंघन से संबंधित एक नए मामले के सिलसिले में शुक्रवार यानी 2 फरवरी को सेवानिवृत्त सिविल सेवक हर्ष मंदर के आवास और दफ्तर पर छापेमारी की है. जराए ने बताया कि अपनी शुरूआती जांच के तहत एजेंसी ने मामले से जुड़े कई लोगों से पूछताछ की. इससे पहले सितंबर 2021 में, प्रवर्तन निदेशालय ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंदर से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की थी. ईडी के मुताबिक, छापेमारी उनके आवास, तफ्तर और शहर में उनके जरिए संचालित बाल गृह पर की गई है. 

बीते साल पूर्व IAS खिलाफ   CBI जांच की सिफारिश 
बीते साल मार्च में, गृह मंत्रालय ने कथित विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) उल्लंघन के लिए IAS से सामाजिक कार्यकर्ता बने मंदर के अमन बिरादरी एनजीओ के खिलाफ CBI जांच की सिफारिश की थी. मंदर के एनजीओ के खिलाफ जांच करने के लिए गृह मंत्रालय की सिफारिशें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को भेजी गईं.

मंदर के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा
गृह मंत्रालय का यह कदम दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के जरिए साल 2021 में मंदर के दूसरे एनजीओ सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज (सीईएस) और उसके अधिकारियों और मंदर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 409, 420, 120बी के तहत मुकदमा दर्ज करने के लगभग दो साल बाद आया है. FIR आपराधिक विश्वासघात के लिए दर्ज की गई थी. दिल्ली पुलिस की एफआईआर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की एक निरीक्षण रिपोर्ट पर आधारित थी, जिसमें एनजीओ के जरिए स्थापित आश्रय गृहों में वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ था.

 मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में दी थी ये जानकारी
इससे पहले केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा को जानकारी दी है कि कुल 13,520 संघों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को रुपये की राशि मिली है. साल 2019 से 2022 तक पिछले तीन वित्तीय साल में 55,741.51 करोड़ विदेशी योगदान. मंत्री ने आगे कहा, "एफसीआरए, 2010 के तहत पंजीकरण के लिए पिछले दो सालों यानी 2021 और 2022 में कुल 1,615 एप्लीकेशन मिले थे. इनमें से 14 दिसंबर, 2023 तक 722 एप्लीकेशन एक्सेप्ट किए गए हैं और 225 आवेदन खारिज कर दिए गए हैं."

केंद्रीय मंत्री ने क्या कहा?
मंत्री ने जवाब में स्पष्ट किया, "इन एप्लीकेशन को अस्वीकार करना एफसीआरए, 2010 के प्रावधानों और उसके तहत बनाए गए नियमों के मुताबिक पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करने के वजह  था." मंत्री ने कहा, विदेशी योगदान स्वीकार करने के लिए, संघों और गैर सरकारी संगठनों को विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 (एफसीआरए, 2010) के तहत पंजीकरण या पूर्व इजाजत लेनी होगी.

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