Assam Muslims: असम सरकार ने राज्य में मुसलमानों के आर्थिक और सामाजिक मूल्यांकन करने का फैसला किया है. इस बारे में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सर्मा ने जानकारी दी है.
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Assam Muslims: असम सरकार ने कहा कि वह राज्य में मूल असमिया मुसलमानों का सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन करेगी. मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की सदारत में 8 दिसंबर को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया. शर्मा ने ‘एक्स’ पर लिखा, “अल्पसंख्यक मामले एवं छार क्षेत्र निदेशालय के जरिए से मूल असमिया मुसलमानों का सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन किया जाएगा.” मंत्रिमंडल की बैठक में छार क्षेत्र विकास निदेशालय का नाम बदलकर अल्पसंख्यक मामले एवं छार क्षेत्र, असम करने का निर्णय लिया गया.
मुसलमानों की हालत बदलने का दावा
सरकार का दावा है कि इस समीक्षा से जो भी नतीजे निकलेंगे उससे जनजातीय अल्पसंख्यकों के सामाजिक-राजनीतिक और शैक्षणिक उत्थान में कदम उठाने में मदद मिलेगी. सरकार ने यह कदम ऐसे वक्त में उठाया है, जब कुछ महीने पहले ही बिहार की नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार ने जाति आधारित गणना के आंकड़े जारी किए.
भैंसों की लड़ाई की मंजूरी
कैबिनेट ने माघ बिहू के दौरान आयोजित होने वाली पारंपरिक भैंसे और सांडों की लड़ाई की इजाजत देने के लिए विस्तृत प्रक्रिया/मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करने को भी मंजूरी दे दी. असम और ऊपरी असम के दीगर हिस्सों में पारंपरिक भैंसों की लड़ाई पर जो रोक लगी थी उसे हटा दिया गया है. इस पर जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा, "हाल ही में अदालत की तरफ से इस ताल्लुक से पाबंदी हटाए जाने के बाद, कैबिनेट ने असम के अलग-अलग हिस्सों में पारंपरिक भैंसों की लड़ाई को फिर से शुरू करने को मंजूरी दे दी है. जिसके तहत अहतगुरी, मोरीगांव जिले, नागांव जिले या असम के किसी अन्य हिस्से में माघ बिहू के दौरान पारंपरिक भैंस और बैल की लड़ाई आयोजित करने पर अब कोई रोक नहीं होगी."
डिजिटल लाइब्रेरी का होगा निर्माण
असम में पंचायतों और नगर पालिकाओं में डिजिटल लाइब्रेरी बनाने के लिए 259 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इस योजना का मकसद नए पुस्तकालयों का निर्माण और खरीद शुरू करना है. इस फैसले से 2197 ग्राम पंचायतों और 400 नगरपालिका वार्डों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी.