Assam Child Marriage Case: बाल विवाह के मामलो में 800 लोग गिरफ्तार; अभी तक हो चुकी हैं 3,907 गिरफ्तारियां
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Assam Child Marriage Case: बाल विवाह के मामलो में 800 लोग गिरफ्तार; अभी तक हो चुकी हैं 3,907 गिरफ्तारियां

Assam Child Marriage Case: असम में बाल विवाह के मामलों में 800 से ज्यादा लोगों के फिर गिरफ्तारी हुई है. इससे पहले भी राज्य पुलिस के जरिए ये अभियान चलाया गया था.

Assam Child Marriage Case: बाल विवाह के मामलो में 800 लोग गिरफ्तार; अभी तक हो चुकी हैं 3,907 गिरफ्तारियां

Assam Child Marriage Case: असम में एक बार फिर बाल विवाह को लेकर गिरफ्तारियां शुरू हो गई हैं. राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने जानकारी दी है कि दूसरे फेज की गिरफ्तारियों में 800 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक असम पुलिस ने अभी तक बाल विवाह के मामले में 3,907 लोगों को पिछले पांच सालों में गिरफ्तार किया है.

हेमंत बिस्वा शर्मा ने किया ट्वीट

इस मामले को लेकर असम के सीएम हेमंत बिस्वा शर्मा ने ट्वीट किया, "बाल विवाह के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए, असम पुलिस ने तड़के शुरू हुए एक खास अभियान में 800 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बता दें पुलिस अभी आगे और कार्रवाई करने वाली है

ज्ञात हो के 11 सितंबर को, सीएम हेमंत ने असम विधानसभा को बताया था कि पिछले पांच सालों में बाल विवाह से संबंधित मामलों में कुल 3,907 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 3,319 यौन अराधों और पॉक्सो एक्ट, 2012 के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं.

राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने बताया गलत

इन गिरफ्तारियों को लेकर राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना उबैदुर रहमान कासमी ने कहा कि सरकार की ओर से की जा रही ये कार्रवाई सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि इससे पहले हुई गिरफ्तारियों में लोगों को छोड़ दिया गया था. मौलाना रहमान कासमी का कहना है कि जिनकी शादी हो चुकी है उनको गिरफ्तार करना गलत है. ऐसा करने से उनकी जिंदगी में अफरा-तफरी मच जाएगी.

उन्होंने कहा कि बाल विवाह करना सरासर गलत है, लेकिन पहले हो चुकी गलती की सजा अब देना कैसा इंसाफ है.  राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने इन गिरफ्तारियों का विरोध करने की बात कही है. इसके साथ ही सरकार से गुहार लगाई है कि बाल विवाह को लेकर अवेयरनेस बढ़ाई जाए और लोगों को शिक्षित किया जाए, ताकि बाल विवाह रुक सकें.

रिपोर्ट- शरीफ उद्दीन अहमद, गुवाहाटी

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