Assam: असम में क़ब्रिस्तान के लिए हिन्दू समुदाय ने दान की ज़मीन; कार्यक्रम में आपसी सद्भावना की दिखी तस्वीर
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Assam: असम में क़ब्रिस्तान के लिए हिन्दू समुदाय ने दान की ज़मीन; कार्यक्रम में आपसी सद्भावना की दिखी तस्वीर

Assam Hindu-Muslims Unity: असम के बरपेटा ज़िले में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की ख़ूबसूरत मिसाल देखने को मिली. बरपेटा अनुष्ठान की तरफ़ से बरपेटा की मंडियां जामा मस्जिद को क़ब्रिस्तान के लिए 5 बीघा ज़मीन दान की गई. 

Assam: असम में क़ब्रिस्तान के लिए हिन्दू समुदाय ने दान की ज़मीन; कार्यक्रम में आपसी सद्भावना की दिखी तस्वीर

Donation For Masjid: असम के बरपेटा ज़िले में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की ख़ूबसूरत मिसाल देखने को मिली. असम से एक बार फिर हिंदू- मुस्लिम एकता की नज़ीर सामने आई. बरपेटा सत्र एक हिंदू धर्म का पवित्र धर्म अनुष्ठान है. इस अनुष्ठान की तरफ़ से बरपेटा की मंडियां जामा मस्जिद को क़ब्रिस्तान के लिए 5 बीघा ज़मीन दान की गई. बरपेटा ज़िले के बरपेटा सत्र के सत्राधिकार वशिष्ट देव शर्मा ने जीवित अवस्था में ही एक फैसला लिया था कि मंडिया जामा मस्जिद को सत्र के ज़मीन में से 5 बीघा जमीन क़ब्रिस्तान के लिए दान की जाए.

क़ब्रिस्तान के लिए 5 बीघा ज़मीन दी गई
इसी सिलसिले में सत्र की कमेटी के तरफ़ से अशोक कुमार दास ने ज़ी सलाम को जानकारी दी कि देव शर्मा ने फैसला किया था कि 5 बीघा ज़मीन मंडिया जामा मस्जिद को क़ब्रिस्तान बनाने के लिए दान कर दी जाए. इस फैसले पर सामाजिक तौर पर हिंदू-मुस्लिम दोनों ही समुदाय के लोगों ने इकट्ठा होकर एक सभा का आयोजन किया. इस दौरान सत्र कमेटी के तरफ से मस्जिद कमेटी को क़ब्रिस्तान के लिए 5 बीघा ज़मीन दी गई. यह ज़मीन सिर्फ मस्जिद कमेटी ही क़ब्रिस्तान के लिए इस्तेमाल कर सकती है. मस्जिद कमेटी इस ज़मीन को न कभी बेच सकती है और न ही दूसरें कामों के लिए इसका इस्तेमाल कर सकेंगे.

हिंदू- मुस्लिम एकता की मिसाल
यह ज़मीन सिर्फ़ क़ब्रिस्तान के लिए ही सत्र कमेटी ने मस्जिद को दान की है. इस मौक़े पर हिंदू- मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों ने इकट्ठा होकर सभा में वशिष्ठ देव शर्मा के तस्वीर पर माल्यार्पण किया और उनके लिए 2 मिनट का मौन व्रत धारण किया. इस अवसर पर दोनों ही धर्मों के लोगों ने रीति-रिवाज के अनुसार ज़मीन हस्तांतरण प्रोग्राम में शिरकत की. सत्र की तरफ़ से काफ़ी तारीफ़ हो रही है. असम के मुस्लिम संगठन खुदाई ख़िदमतगार के लीडर एडवोकेट इलियास अहमद ने कहा कि इससे देश में अमन और इत्तेहाद का पैग़ाम आम होगा और आपसी सद्भावना को ताक़त मिलेगी.

Report: Sharifuddin Ahmed

 

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